Tapkeshwar Mahadev Mandir: भारत के अलग-अलग शहरों में भगवान शिव के ऐसे कई प्राचीन मंदिर हैं। जिनकी पौराणिक कथा का इतिहास महाभारत और रामायण के समय से जुड़ा हुआ है। इनमें से एक ऐसा ही भगवान शिव का प्राचीन मंदिर देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून शहर में स्थित है। टपकेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यता के अनुसार टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir की अपनी अलग ही मान्यताएं हैं। कहते है की आदिकाल में भोले शंकर ने यहां देवेश्वर के रूप में दर्शन दिए थे।
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको टपकेश्वर महादेव मंदिर (Tapkeshwar Mahadev Mandir) के पुरे इतिहास का वर्णन और वो सभी की सभी रहस्य्मयी बाते बताने वाले है जो शायद आपको अभी तक नहीं पता होगी तो आईये आगे बढ़ते है टपकेश्वर महादेव मंदिर की पौराणिक कथा की और।
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Tapkeshwar Mahadev Mandir History in Hindi (टपकेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास)
टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir की इतिहास की बात करे तो यह मंदिर लगभग 6000 साल पुराणा है। पुराणो में ऐसा वर्णन है की यह गुफा महाभारत के समय कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य का निवास स्थान मानी जाती है। इसीलिए इस गुफा को द्रोण गुफा के नाम से जाना जाता है। कियाँकि गुरु द्रोणाचार्य ने इसी गुफा में 12 साल तक भगवान शिव की तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए, उनके अनुरोध पर ही भगवान शिव यहां लिंग के रूप में स्थापित हो गए। महाभारत में ऐसा भी उल्लेख है की गुरु द्रोणाचार्य को भगवान शिव ने इसी जगह पर अस्त्र-शस्त्र और धनुविधा का ज्ञान भी दिया था।
इस मंदिर के शिवलिंग पर पहाड़ की एक चट्टान से पानी की बूंदें अपने आप टपकती रहती हैं। इसीलिए इस मंदिर को टपकेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता हैे। देश विदेश से भक्त यहां टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां पर आने से भक्तों की तमाम मनोकामनाएं पूरी होती हैं। और भगवान शिव शंकर अपने भक्तो की हर परेशानी को दूर करते हैं। प्रत्येक सोमवार और सावन के पुरे महीने और शिवरात्रि पर यहां शिव भक्तो की भीड़ लगी रहती है।
Mythology of Tapkeshwar Mahadev Mandir टपकेश्वर महादेव मंदिर की पौराणिक कथा
तमसा नदी यानी की टोंस नदी के तट पर स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir की एक पौराणिक कथा बहुत ज्यादा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार पुराणो में ऐसा वर्णन है की यह गुफा महाभारत के समय कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य का निवास स्थान मानी जाती है। कियाँकि गुरु द्रोणाचार्य ने इसी गुफा में 12 साल तक भगवान शिव की तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए, उनके अनुरोध पर ही भगवान शिव यहां लिंग के रूप में स्थापित हो गए। महाभारत में ऐसा भी उल्लेख है की गुरु द्रोणाचार्य को भगवान शिव ने इसी जगह पर अस्त्र-शस्त्र और धनुविधा का ज्ञान भी दिया था।
इसीलिए इस गुफा को द्रोण गुफा के नाम से जाना जाता है। हजारो साल पहले इस गुफा में ही गुरु द्रोणाचार्य के बेटे अश्वत्थामा का जन्म हुआ था। उनके जन्म के बाद उनकी मां कल्याणी किसी कारन वश अपना दूध नहीं पीला पायी थी। अश्वत्थामा ने मंदिर की गुफा के भीतर ही छह माह तक एक पांव पर खड़े होकर भगवान शिव की तपस्या की थी। और जब भगवान शंकर प्रकट हुए तो उन्होंने अश्वत्थामा को अजर अमरता का वरदान दिया और अश्वत्थामा ने उनसे दूध मांगा तो भगवान शंकर ने शिवलिंग के ऊपर स्थित चट्टान में गऊ के थन बना दिए और उनसे दूध की धारा बहने लगी। जिसकी वजह से भगवान शिव का नाम दूधेश्वर पड़ा। कलियुग में इस दूध की धारा ने धीरे धीरे पानी का रूप ले लिया। इस कारण इस मंदिर को आज टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir कहा जाता है।
Significance of Tapkeshwar Mahadev Mandir टपकेश्वर महादेव मंदिर का महत्व
इस मंदिर में भगवान शिव टपकेश्वर महादेव के नाम से जाने जाते हैं। इस मंदिर की गुफा के मुख्य गर्भ ग्रह के अंदर दो शिवलिंग स्वयं प्रकट हुए थे। शिवलिंग के ऊपर गुफा की एक चट्टान से लगातार जल की बुँदे टपकती रहती है। शिवलिंग को ढकने के लिए 5151 रुद्राक्षों का इस्तेमाल किया गया है। टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir के आस-पास मां संतोषी की एक गुफा है। जहा पर माँ संतोषी माता का मंदिर है। पास में ही एक गुफा माता वैष्णो देवी की भी है। जिसमे माँ लक्ष्मी माँ सरस्वती और माँ काली ये तीनो माता पिंडी रूप में दर्शायी गयी है। यह मंदिर माता वैष्णो देवी मंदिर को दर्शाता है। टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir जिस टोंस नामक नदी के तट पर स्थित है। द्वापर युग में इस नदी को तमसा नदी के नाम से जाना जाता था। इस मंदिर परिसर के आस-पास आपको कई खूबसूरत झरने भी देखने को मिलेंगे। इस मंदिर में शाम को भगवान शिव का शृंगार किया जाता है।
Architecture of Tapkeshwar Mahadev Mandir टपकेश्वर महादेव मंदिर की वास्तुकला
देवभूमि उत्तरखंड में स्थित प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर की प्राकृतिक वास्तुकला और मानव निर्मित का एक खूबसूरत संगम है। जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच और टोंस नदी के तट स्थित है। आपको यहां पर गुफा की वास्तुकला प्रकृति का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir का द्वार शिव भक्तो के लिए सातो दिन खुला रहता है। देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ की गोद में स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर स्वयं शिवजी की महिमा का गुणगान करता है।
How did the temple get the name Tapkeshwar मंदिर का नाम टपकेश्वर कैसे पड़ा
भगवान शिव को समर्पित टपकेश्वर महादेव मंदिर का मुख्य गर्भगृह एक गुफा के अंदर है, जिसमें गुफा की एक चट्टान से शिवलिंग के ऊपर पानी की बूंदें लगातार टपकती रहती हैं। अगर हम टपक शब्द की बात करे तो टपक एक हिंदी शब्द है, जिसका अर्थ है बूंद-बूंद गिरना। इसी कारण से भगवान शिव के इस मंदिर का नाम Tapkeshwar Mahadev Mandir टपकेश्वर महादेव मंदिर पड़ा।
Guru Dronacharya did penance for Lord Shiva in the cave गुरु द्रोणाचार्य ने गुफा में की थी भगवान शिव की तपस्या
टपकेश्वर महादेव मंदिर की इसी गुफा में कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य ने 12 साल तक भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी। इसीलिए इस गुफा को गुरु द्रोणाचार्य का निवास स्थान भी माना जाता है। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए, उनके अनुरोध पर ही भगवान शिव यहां लिंग के रूप में स्थापित हो गए। महाभारत में ऐसा भी उल्लेख है की गुरु द्रोणाचार्य को भगवान शिव ने इसी जगह पर अस्त्र-शस्त्र और धनुविधा का ज्ञान भी दिया था। इसीलिए इस गुफा को द्रोण गुफा के नाम से जाना जाता है।
Where is Tapkeshwar Mahadev Mandir located टपकेश्वर महादेव मंदिर कहां पर स्थित है
ऐतिहासिक टपकेश्वर महादेव का मंदिर देहरादून ISBT बस स्टैंड से लगभग 5.5 किलोमीटर दूर गढ़ी कैंट क्षेत्र में एक छोटी टोंस नदी के तट पर बना हुआ है। सावन के महीने में यहां पर बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है। दर्शन करने के लिए शिव भक्तो की लंबी लाइनें लगी रहती हैं। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में जल चढ़ाने से शिव भक्तो की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है। टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir में देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। सड़क मार्ग द्वारा यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंदिर जाने के लिए सबसे नजदीक देहरादून रेलवे स्टेशन और बस अड्डा है। टपकेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य गर्भ ग्रह में जाने के लिए आपको मंदिर के मुख्य द्वार से 108 सिडिया निचे उतरकर जाना होगा।
Shri 108 Mahant Krishna Giri Maharaj Tapkeshwar Mahadev Temple श्री 108 महंत कृष्णा गिरी महाराज टपकेश्वर महादेव मंदिर
पूर्णिमा के दिन भगवान शिव का दूधेश्वर के रूप में शृंगार किया जाता है। क्योंकि भगवान शिव ने इसी दिन गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा को दर्शन दिए थे। प्रदोष में ही भगवान शिव का 5151 दानों से बना रुद्राक्ष का रुद्र स्वरूप से बना दिव्य श्रृंगार के दर्शन होते हैं। भगवान शिव की महिमा टपकेश्वर रूप में अपरंपार है। यहां पर रोज सुबह और शाम 7 बजे आरती होती है। यहां जो भी भक्त सच्चे मन से आता है, भगवान शिव उसकी सभी मनोकामना पूरी करते हैं।
Santoshi Mata Temple near Tapkeshwar Mahadev Temple टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास संतोषी माता का मंदिर
टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir के पास ही आपको एक गुफा के अंदर माँ संतोषी माता का मंदिर देखने को मिलेगा जिसमे आपको माँ संतोषी माता की मूर्ति देखने को मिलेगी इस मंदिर की स्थापना संन 1998 में की गयी थी। जब श्रद्धालु टपकेश्वर महादेव के दर्शन करने के लिए आते है तो माता संतोषी के दर्शन भी जरूर करते है।
Vaishno Devi Temple near Tapkeshwar Mahadev Temple टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास वैष्णो देवी का मंदिर
टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir के पास में ही आपको माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर देखने को मिलेगा। जिसकी रचना मूल माता वैष्णो देवी कटरा की तरह ही है। इस मंदिर का अधिकांश भाग बिलकुल प्राकर्तिक है। मंदिर की गुफा में झुक कर चलने का मतलब अपने अहंकार को त्यागना है। इस गुफा में प्रवेश करने से आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति के साथ-साथ मानव जीवन को एक सही दिशा प्राप्त होती है। और मनुष्य के सभी रोग कस्ट परेशानी दूर होती है। इस मंदिर में माँ लख्मी माँ सरस्वती और माँ काली तीन पिंडी रूप में विराजमान है। जब आप इस मंदिर के दर्शन करेंगे तो आपको माता वैष्णो देवी कटरा के मंदिर के अनुभूति होगी।
Nandi bail is located in Tapkeshwar Mahadev Temple टपकेश्वर महादेव मंदिर में नंदी बैल मौजूद है
टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir के गर्भ ग्रह में एक मंदिर नंदी बैल भगवान का भी है। क्योंकि जहा जहा भगवान शंकर वहा वहा नंदी बैल भगवान। गुफा के अंदर मुख्य शिवलिंग के बाहिने तरफ ब्रास का बहुत बड़ा नंदी विराजमान है। सभी शिव भक्त नंदी के कान में अपनी मन्नत मांगते है। कहते है की ऐसे मांगी गयी शिव भक्तो की मन्नत भगवान शिव तुरंत सुनते है।
Lift has been installed for Shiva devotees in Tapkeshwar Mahadev Temple टपकेश्वर महादेव मंदिर में शिव भक्तो के लिए लिफ्ट लगी हुई है
जब आप टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir में जाते है। तो मंदिर के गर्भ ग्रह में जाने के लिए विकलांग एवं अशक्त जनो हेतु लिफ्ट की सुविधा भी उपलभ्ध है। दिव्यांग भक्त जनो के लिए इस लिफ्ट की सुविधा बिलकुल मुफ्त है। बाकी और सभी भक्तो को लिफ्ट का युस करने के लिए 20 रुपये प्रत्येक व्यक्ति देना होगा। लिफ्ट का बिजली का बिल और बाकी अन्य सभी तकनिकी समस्याओं को मंदिर स्वयं संचालित करता है।
How to reach Tapkeshwar Mahadev Mandir टपकेश्वर महादेव मंदिर में कैसे पहुंचे
अगर आप टपकेश्वर महादेव मंदिर आना चाहते है। तो सबसे पहले आपको देहरादून आना होगा जो सड़क मार्ग, रेल मार्ग, और वायु मार्ग इन तीनो से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग : – अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा आना चाहते है तो सबसे पहले आपको देहरादून के बस अड्डे ISBT आना होगा जो दिल्ली, चंडीगढ़, ऋषिकेश, हरिद्वार से डायरेक्ट जुड़ा हुआ है। ISBT से टपकेश्वर महादेव मंदिर की दुरी लगभग 9.5 किलोमीटर की है। ISBT से आपको टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir के लिए डायरेक्ट ऑटो या टैक्सी मिल जाएगी। आप चाहे तो ISBT से प्राइवेट बस में बैठकर घड़ी केंट तक पहुंच सकते है। वहा से कुछ ही दुरी पर टपकेश्वर महादेव का मंदिर है।
रेल मार्ग :- अगर आप रेल मार्ग के द्वारा आना चाहते है तो सबसे पहले आपको देहरादून के रेलवे स्टेशन आना होगा। जो दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, ऋषिकेश, हरिद्वार से डायरेक्ट जुड़ा हुआ है। देहरादून रेलवे स्टेशन से टपकेश्वर महादेव मंदिर की दुरी 8 लगभग किलोमीटर की है। रेलवे स्टेशन से आपको टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir के लिए डायरेक्ट ऑटो या टैक्सी मिल जाएगी। आप चाहे तो रेलवे स्टेशन से से प्राइवेट बस में बैठकर घड़ी केंट तक पहुंच सकते है। वहा से कुछ ही दुरी पर टपकेश्वर महादेव का मंदिर है।
वायु मार्ग:- अगर आप हवाई जहाज के जरिये देहरादून आना चाहते है। तो सबसे पहले आपको जोली ग्रांट देहरादून के एयरपोर्ट आना होगा जहा से डायरेक्ट दिल्ली, मुंबई, जयपुर, चंडीगढ़के लिए फ्लाइट चलती है। जोली ग्रांट एयरपोर्ट से टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir की दुरी लगभग किलोमीटर 35 की है। जो थोड़ा ज्यादा है। आपको वहा से देहरादून ISBT के लिए बस मिल जाएगी आप चाहे तो वहा से टपकेश्वर महादेव मंदिर के लिए डायरेक्ट टैक्सी भी बुक कर सकते है।
टपकेश्वर महादेव मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
- टपकेश्वर महादेव मंदिर की ऐसी पौराणिक मान्यता है की आदिकाल में भोले शंकर ने यहां देवेश्वर के रूप में दर्शन दिए थे। इस मंदिर के शिवलिंग पर एक चट्टान से पानी की बूंदें अपने आप टपकती रहती हैं।
टपकेश्वर महादेव मंदिर में कौन सी नदी बहती है?
- टपकेश महादेव मंदिर में टोंस नदी बहती है। जिसको आदिकाल के समय तमसा नदी के नाम से भी जाना जाता था।
टपकेश महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी कौन है?
- टपकेश महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी श्री भारा गिरि जी है।
टपकेश्वर महादेव मंदिर किस जगह स्थित है?
- टपकेश्वर महादेव मंदिर उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून बस स्टैंड से लगभग 5.5 किलोमीटर दूर घडी केंट क्षेत्र में स्थित है।
टपकेश्वर महादेव मंदिर में कितने शिवलिंग है?
- टपकेश्वर महादेव मंदिर में 2 शिवलिंग है जो स्वयं प्रकट हुए थे।
टपकेश्वर महादेव मंदिर में किस भगवान की पूजा की जाती है?
- टपकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा की जाती है।
टपकेश्वर महादेव मंदिर जाने के लिए कितनी सिडिया निचे उतरना होता है?
- टपकेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य गर्भ ग्रह में जाने के लिए आपको मंदिर के मुख्य द्वार से 108 सिडिया निचे उतरकर जाना होगा।
देहरादून में कौन सा मंदिर प्रसिद्ध है?
- देहरादून में भगवान शिव को समर्पित टपकेश्वर महादेव मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। यह मंदिर टोंस नदी के तट पर एक प्राकृतिक गुफा के ऊपर बना है, जिसमें मंदिर का मुख्य शिवलिंग है।
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दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आपको Tapkeshwar Mahadev Mandir की पूरी जानकारी के बारे में पढ़कर आनंद आया होगा।
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टपकेश्वर महादेव मंदिर Tapkeshwar Mahadev Mandir की और अधिक जानकारी के लिए आप हमारी इस वीडियो भी देख सकते है। जिसमे हमने पूरी जानकारी दी हुई है।