Shiv Khori Yatra 2024 in Hindi :- शिवखोड़ी गुफा जम्मू और कश्मीर राज्य के रियासी जिले में स्थित एक प्रसिद्ध पवित्र गुफा है। जो भगवान शिव को समर्पित है। यह गुफा जम्मू से लगभग 130 km दूर और कटरा से लगभग 90 km की दुरी पर स्थित है। जो अपने आप में ही अधभुध चमत्कारी और बहुत सारे रहस्यों से भरी हुई है। मान्यता अनुसार की इस गुफा से दो रास्ते आगे की और निकलते है एक रास्ता सीधा अमरनाथ गुफा के लिए निकलता है और दूसरा रास्ता स्वर्ग की सीढ़ियों की तरफ जाता है। इस गुफा से जो भी इन रास्तो पर गया वो कभी वापस लौटकर नहीं आया।
माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले बहुत कम श्रद्धालु ऐसे होते है जो शिव खोड़ी गुफा के दर्शन करने के लिए जाते है। नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है हेमंत और स्वागत है आपका पब्लिक गाइड टिप्स ब्लोग्स में दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको 2024 में शिव खोड़ी गुफा की यात्रा (Shiv Khori Yatra 2024) और गुफा के उन सभी रहस्यों के बारे में बताने वाले है जो एक दम चौकाने वाले रहस्य है। इसीलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
Table of Contents
Shiv Khori Gufa Story in Hindi (शिवखोड़ी गुफा की पौराणिक कथा)
शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Yatra 2024) की पौराणिक कथा भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान विष्णु और भस्मासुर नाम के एक राक्षस से जुडी हुई हैे। इस कथा के अनुसार प्राचीन काल में जब भस्मासुर नाम के राक्षस ने भगवान शिव की कठोर तपस्या करके उन्हें प्रसन्न किया था। और वरदान में उनसे अपनी इच्छा अनुसार ऐसा वर माँगा की जिसके सर पर हाथ रख दे वो वही भस्म हो जाये। भगवान शिव ने भस्मासुर राक्षस को वरदान देते हुए कहा की मेरे इस वरदान का तुम लगो पर अत्याचार मत करना।
लेकिन भस्मासुर राक्षस ने लोगो पर अत्याचार करने शुरू कर दिए और सबको भस्म करने लगा। पृत्वी पर इतना अत्याचार देख कर भगवान शिव भस्मासुर राक्षस को समझाने के लिए पृथ्वी पर आये लेकिन भस्मासुर, भगवान शिव को ही भस्म करने के लिए उनके पीछे दौड़ पड़ा। भस्मासुर के इस अहंकार को देखकर भगवान शिव स्वयं को बचाने के लिए भागने लगे। फिर माता पार्वती के साथ वह कई स्थानों पर गए लेकिन अंत में इस शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Yatra 2024) में आकर छिप गए।
ऐसा माना जाता है कि शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Yatra 2024) सीधा कैलाश पर्वत यानी अमरनाथ गुफा तक जाती है। जो भगवान शिव का निवास स्थान है। भगवान शिव की ऐसी स्थिति देख भगवान विष्णु ने भस्मासुर के इस अहंकार को समाप्त करने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया। मोहिनी ने भस्मासुर को नृत्य में फंसा लिया और उसे अपने ही सिर पर हाथ रखने के लिए प्रेरित किया। जैसे ही भस्मासुर ने अपने सिर पर हाथ रखा, वह स्वयं भस्म हो गया।
Shiv Khori Gufa History in Hindi (शिवखोड़ी गुफा का इतिहास)
शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Gufa) के प्राचीन काल से जुड़ी कहानियाँ और पौराणिक कथाएँ इस स्थान को महाभारत और रामायण काल से जोड़ती हैं। ऐसा माना जाता है कि यह गुफा हजारों साल पुरानी है। भस्मासुर राक्षस से बचने के लिए भगवान शिव ने अपने परिवार के साथ इसी गुफा में शरण ली थी। उसके बाद इस गुफा में ऋषियों-मुनियों और तपस्वियों ने साधना और तपस्या की थी।
शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Yatra 2024) का धार्मिक महत्त्व तब और अधिक बढ़ गया जब स्थानीय राजाओं और शासकों ने इस गुफा को एक तीर्थ स्थल के रूप में मान्यता दी। धीरे-धीरे यह गुफा शिवभक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन गई। इस गुफा में विशेष रूप से महाशिवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।पिछले कुछ दशकों में, सरकार और धार्मिक संस्थाओं के प्रयासों से इस गुफा का विकास हुआ है। लेकिन अब इस गुफा की देख रेख श्राइन बोर्ड संस्था करती है।
गुफा तक पहुंचने के लिए अब अच्छे रास्ते बनाए गए हैं। और यहां तीर्थयात्रियों के लिए कई सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। हालांकि गुफा के भीतर आज भी प्राकृतिक वातावरण और पवित्रता को बनाए रखा गया है। शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Gufa) की संरचना, प्राकृतिक शिवलिंग, और दीवारों पर दिखाई देने वाली आकृतियों को देखकर पुरातात्विक रूप से भी इसे अद्भुत स्थान माना जाता है। हालांकि, इसकी खुदाई या ऐतिहासिक शोध पर ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, फिर भी यह स्थान धार्मिक इतिहास के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण है।
Importance of Shiv Khori Gufa in Hindi (शिवखोड़ी गुफा का महत्व)
- भगवान शिव का निवास: गुफा के अंदर स्थित प्राकृतिक शिवलिंग को भगवान शिव का दिव्य रूप माना जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि शिवखोड़ी गुफा भगवान शिव का एक शक्तिशाली और पवित्र स्थल है, जहां भगवान शिव और माता पार्वती ने तपस्या की थी।
- पवित्रता और धार्मिक यात्रा: शिवखोड़ी की यात्रा एक धार्मिक तीर्थ के रूप में मानी जाती है। भक्त इस यात्रा को आध्यात्मिक शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का साधन मानते हैं। यहाँ दर्शन करने से भक्तों को शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- महाशिवरात्रि: महाशिवरात्रि के अवसर पर गुफा में भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा होती है, और यह स्थान एक बड़ा धार्मिक आयोजन स्थल बन जाता है। इसे शिवभक्तों के लिए साल का सबसे शुभ अवसर माना जाता है।
- भस्मासुर कथा: गुफा की पौराणिक कथा भगवान शिव और भस्मासुर से जुड़ी है। मान्यता है कि भगवान शिव इस गुफा में भस्मासुर से छिपे थे, और यह गुफा सीधे कैलाश पर्वत तक जाती है। इस कथा के साथ जुड़ी पवित्रता और दिव्यता गुफा के महत्व को और भी बढ़ाती है।
- दिव्य आकृतियां: गुफा की दीवारों और छतों पर प्राकृतिक रूप से देवी-देवताओं की आकृतियां बनी हुई हैं, जिन्हें भक्तों द्वारा दिव्य माना जाता है। ये आकृतियां गुफा के धार्मिक महत्त्व को और भी बढ़ाती हैं।
- ध्यान और साधना का स्थल: शिवखोड़ी गुफा को एक ध्यान और साधना स्थल के रूप में भी देखा जाता है। शिवभक्त और साधक इस गुफा में ध्यान करने के लिए आते हैं, क्योंकि माना जाता है कि यहाँ शिव की उपस्थिति से ध्यान और साधना में विशेष ऊर्जा और शांति प्राप्त होती है।
- मोक्ष प्राप्ति की मान्यता: हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि शिवखोड़ी के दर्शन से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां की यात्रा जीवन के दुखों और कष्टों से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती है।
Structure of Shiv Khori Gufa in Hindi (शिवखोड़ी गुफा की सरंचना
शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Gufa) की संरचना अद्भुत और प्राकृतिक रूप से अद्वितीय है। यह गुफा न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि अपनी प्राकृतिक बनावट और शिवलिंग की विशेषताओं के कारण भी प्रसिद्ध है। गुफा की संरचना के मुख्य पहलू इस प्रकार हैं।
1. गुफा की लंबाई और आकार:
- गुफा की कुल लंबाई लगभग 200 मीटर (लगभग 660 फीट) है।
- इसका प्रवेश द्वार संकरा है, जिससे केवल एक व्यक्ति ही एक बार में प्रवेश कर सकता है। अंदर की ओर जाते ही गुफा का आकार धीरे-धीरे बड़ा होता जाता है, और मुख्य कक्ष में जगह अधिक विस्तृत हो जाती है।
- गुफा के अंदर कई प्राकृतिक खंड हैं, जो एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और मुख्य कक्ष तक पहुंचने में सहायक हैं।
2. मुख्य गुफा और शिवलिंग:
- गुफा के अंदर भगवान शिव का एक प्राकृतिक शिवलिंग (स्वयंभू शिवलिंग) स्थित है, जिसे अत्यधिक पवित्र माना जाता है। यह शिवलिंग गुफा के अंदर एक विशेष स्थान पर स्थित है, जहां पर सभी श्रद्धालु पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं।
- गुफा के अंतिम हिस्से में शिवलिंग के साथ अन्य देवी-देवताओं की आकृतियां भी दिखाई देती हैं, जो प्राकृतिक रूप से बनी हुई हैं।
3. गुफा की छत और दीवारें:
- गुफा की छत और दीवारें प्राकृतिक रूप से उभरी हुई हैं। इनमें भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान विष्णु, नंदी और अन्य देवी-देवताओं की आकृतियाँ दिखाई देती हैं। श्रद्धालु इन्हें दिव्य और चमत्कारी मानते हैं।
- गुफा की छत पर दूध के बहाव की तरह सफेद चिह्न देखे जा सकते हैं, जो शिव के सिर से बहने वाली गंगा नदी की प्रतीक मानी जाती है।
4. दो प्रमुख भाग:
- गुफा को दो प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है:
- प्रथम भाग: यह अपेक्षाकृत बड़ा और खुला है, जहां तक श्रद्धालु आसानी से जा सकते हैं। इस भाग में विभिन्न आकृतियाँ और पत्थर दिखाई देते हैं।
- द्वितीय भाग: यह भाग अपेक्षाकृत संकरा और गहरा है, जिसमें केवल छोटे और पतले लोग ही प्रवेश कर पाते हैं। यहाँ पर सबसे पवित्र स्थान माना जाता है, और इस हिस्से में शिवलिंग स्थित है।
5. गुफा के अंदर जलस्रोत:
- गुफा के अंदर कुछ स्थानों पर पानी के स्रोत भी हैं। कहा जाता है कि गुफा में से पानी की बूंदें शिवलिंग पर गिरती हैं, जो शिव के आशीर्वाद के रूप में मानी जाती हैं।
- यह जलस्रोत गुफा की पवित्रता और धार्मिक महत्त्व को और भी बढ़ाते हैं।
6. कैलाश पर्वत से जुड़ी मान्यता:
- गुफा के बारे में मान्यता है कि इसका एक हिस्सा गुप्त रूप से कैलाश पर्वत तक जाता है, जहां भगवान शिव का निवास स्थान है। हालांकि इस मार्ग तक कोई नहीं पहुंच सका है, फिर भी श्रद्धालु इसे अत्यंत पवित्र मानते हैं।
7. गुफा के अंदर की यात्रा:
- गुफा के अंदर जाने पर शुरुआत में एक संकरा मार्ग होता है, जिससे गुजरना थोड़ी चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन जैसे-जैसे अंदर जाते हैं, स्थान चौड़ा होता जाता है।
- गुफा की दीवारों और छत पर विभिन्न आकृतियों को देखकर श्रद्धालु आस्था और भक्ति में डूब जाते हैं।
8. प्राकृतिक वेंटिलेशन:
- गुफा के अंदर प्राकृतिक रूप से वेंटिलेशन की व्यवस्था है। गुफा के विभिन्न भागों में हवा का संचार होता रहता है, जिससे अंदर ठंडक और शांति बनी रहती है।
How to visit Shiv Khori Gufa in Hindi (शिवखोड़ी गुफा की यात्रा कैसे करे)
शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Gufa) की यात्रा एक पवित्र तीर्थयात्रा है, जिसे भक्तगण भगवान शिव के दर्शन के लिए करते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए और यात्रा करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी गई है। जिसे आपको शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Yatra 2024) की यात्रा में कोई परेशानी नहीं होगी।
- सही मौसम: शिवखोड़ी यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय महाशिवरात्रि, सावन का महीना (जुलाई-अगस्त), और अक्टूबर से मार्च तक का होता है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां आते हैं।
- तैयारी: यात्रा की योजना बनाते समय आपको जम्मू, कटरा या रियासी तक पहुंचने की योजना बनानी होगी, जो शिवखोड़ी के निकटतम शहर हैं। वहां से आगे की यात्रा टैक्सी, बस या अन्य साधनों से की जा सकती है।
- कटरा (वैष्णो देवी के आधार स्थल) से शिवखोड़ी 80 किलोमीटर दूर है। कटरा से शिवखोड़ी के लिए नियमित टैक्सी और बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
- रियासी से शिवखोड़ी की दूरी 48 किलोमीटर है। यहाँ से आप टैक्सी या बस से यात्रा कर सकते हैं।
- शिवखोड़ी गुफा के निकटतम वाहन योग्य स्थान रनसू तक पहुंचने के बाद आपको लगभग 3.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी।
- पैदल यात्रा का मार्ग पक्का है और इस पर कई ढाबे और छोटी दुकाने हैं, जहां से आप खाने-पीने का सामान खरीद सकते हैं। इसके अलावा, आपको यात्रा के दौरान आराम करने के लिए जगहें भी मिलेंगी।
- मार्ग आसान है, लेकिन वृद्ध या शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए खच्चर या पालकी की व्यवस्था भी उपलब्ध होती है।
- आरामदायक कपड़े और जूते: यात्रा के लिए हल्के, आरामदायक कपड़े और मजबूत जूते पहनें, क्योंकि आपको कुछ पैदल यात्रा करनी होगी।
- पानी और स्नैक्स: यात्रा के दौरान अपने साथ पानी की बोतल और हल्के स्नैक्स रखना अच्छा होगा। यात्रा मार्ग पर दुकाने उपलब्ध हैं, लेकिन अपने साथ कुछ खाना-पीना रखना सुविधाजनक हो सकता है।
- टॉर्च: गुफा के अंदर अंधेरा होता है, इसलिए साथ में एक छोटी टॉर्च या मोबाइल फोन का फ्लैशलाइट उपयोगी हो सकता है।
- गुफा के अंदर भगवान शिव के स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु गुफा के अंत तक पहुंचते हैं। गुफा में भगवान शिव, माता पार्वती, और अन्य देवताओं की प्राकृतिक आकृतियां देखी जा सकती हैं।
- गुफा के अंदर पहुंचने पर श्रद्धालु ध्यान और पूजा-अर्चना करते हैं। यहां का वातावरण भक्तिमय और आध्यात्मिक शांति से भरा होता है।
Best time to visit Shiv Khori Gufa in Hindi (शिवखोड़ी गुफा जाने का सबसे अच्छा समय)
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के समय शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Yatra 2024) की यात्रा में विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं। इस दौरान हजारों श्रद्धालु गुफा में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं।यह समय सबसे पवित्र और शुभ माना जाता है, और इस अवसर पर यहां भव्य मेले और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हालांकि, इस समय भीड़ अधिक होती है, इसलिए यदि आप इस विशेष पर्व के दौरान यात्रा करना चाहते हैं तो आपको पहले से योजना बनानी होगी।
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, और इस दौरान शिवभक्तों के लिए शिवखोड़ी की यात्रा का विशेष महत्त्व है। पूरे सावन मास के दौरान गुफा में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, और यहाँ विशेष पूजा और जलाभिषेक का आयोजन होता है। इस मौसम में हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता अपने चरम पर होती है, जो यात्रा को और भी मनमोहक बना देती है।
अक्टूबर से मार्च तक का समय यात्रा के लिए आदर्श माना जाता है, क्योंकि इस समय मौसम ठंडा और सुखद होता है। इस दौरान बारिश नहीं होती, जिससे यात्रा करना अधिक सुविधाजनक होता है। शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Yatra 2024) की यात्रा के चारों ओर की प्राकृतिक सुंदरता भी इस समय अधिक आकर्षक होती है। इस समय भीड़ भी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे आपको शांति और ध्यान का बेहतर अनुभव मिल सकता है।
मानसून के दौरान गुफा के आसपास की हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य अपने चरम पर होता है, जिससे यह यात्रा बहुत खूबसूरत लगती है। हालांकि, बारिश के कारण रास्तों पर फिसलन हो सकती है, इसलिए इस समय यात्रा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। मानसून में तीर्थयात्रा करने का अपना एक अलग आनंद है, लेकिन जोखिमों को ध्यान में रखकर ही यात्रा करनी चाहिए।
गर्मियों के दौरान शिवखोड़ी गुफा की यात्रा थोड़ी कठिन हो सकती है, क्योंकि तापमान बढ़ जाता है, विशेष रूप से दिन के समय। हालांकि, गुफा के अंदर का वातावरण ठंडा रहता है, लेकिन बाहर की यात्रा गर्म हो सकती है। इसलिए, यदि आप गर्मियों में यात्रा करने की योजना बनाते हैं, तो सुबह जल्दी यात्रा शुरू करना बेहतर रहेगा।
Restaurants and Local Food of Shiv Khori Gufa in Hindi (शिवखोड़ी गुफा का स्थानीय भोजन और रेस्टोरेंट)
शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Yatra 2024) की यात्रा और इसके आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय कश्मीरी और पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकता है। यहां के प्रमुख स्थानीय व्यंजन इस प्रकार हैं।
- राजमा-चावल: यह भोजन विशेष रूप से लोकप्रिय है। जम्मू क्षेत्र में उगाए गए राजमा का स्वाद अनूठा होता है और इसे चावल के साथ परोसा जाता है।
- कुल्चा: एक प्रकार की ब्रेड, जिसे चने या सब्जी के साथ खाया जाता है। यह नाश्ते के रूप में लोकप्रिय है।
- कश्मीरी पंडित व्यंजन: बिना प्याज और लहसुन से बने भोजन, जैसे दम आलू और यखनी (दही आधारित ग्रेवी) यहाँ के प्रसिद्ध पारंपरिक भोजन हैं।
- कश्मीरी पुलाव: यह एक मीठा पुलाव है, जिसमें मेवे और सूखे फल डाले जाते हैं। इसे किसी सब्जी या दही के साथ परोसा जाता है।
- नाद्रू यखनी: यह एक खास कश्मीरी व्यंजन है, जो कमल ककड़ी से तैयार किया जाता है और दही में पकाया जाता है।
- चाय और कश्मीरी कहवा: ठंडे मौसम के कारण यहाँ की यात्रा के दौरान कश्मीरी कहवा (शहद, बादाम और केसर से बनी हर्बल चाय) का आनंद लिया जा सकता है।
- रनसू (जो गुफा के नजदीक है) में कई छोटे ढाबे हैं, जहां स्थानीय राजमा-चावल, दाल, सब्जी, रोटी, और कश्मीरी खाना परोसा जाता है।
- कटरा में अधिक विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे कि छोटे होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे जहां शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलता है।
- कई रेस्टोरेंट यात्रियों को थाली सिस्टम में भोजन प्रदान करते हैं, जिसमें दाल, सब्जी, चावल, रोटी, और सलाद शामिल होता है।
- रास्ते में यात्रियों के आराम और भोजन के लिए रुकने के लिए छोटी-छोटी चाय की दुकानें और स्नैक्स की दुकानें भी उपलब्ध होती हैं।
Hotels in Shiv Khori Gufa in Hindi (शिवखोड़ी गुफा की यात्रा में रुकने के लिए होटल्स)
शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Yatra 2024) की यात्रा के दौरान रुकने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, खासकर रनसू, कटरा और रियासी जैसे नजदीकी स्थानों पर। यहाँ कुछ प्रमुख स्थानों और होटल्स की जानकारी दी गई है, जहाँ यात्री अपनी यात्रा के दौरान आराम कर सकते हैं।
रनसू में उपलब्ध होटल्स:
छोटे-बड़े कई गेस्ट हाउस और लॉज यहां उपलब्ध हैं। इनमें बुनियादी सुविधाएं जैसे बिस्तर, शौचालय और भोजन की व्यवस्था होती है।
कुछ धर्मशालाएं और सरकारी रेस्ट हाउस भी यहां मिल सकते हैं, जिनका किराया किफायती होता है।
ये होटल्स और धर्मशालाएं शिवखोड़ी गुफा के तीर्थयात्रियों को ध्यान में रखकर संचालित होते हैं, इसलिए यहां शांति और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।
कटरा के प्रमुख होटल्स:
Budget Hotels: कटरा में कई बजट होटल्स हैं, जिनमें होटल सुभाष इंटरनेशनल, होटल दुर्गा पैलेस, और होटल शंकर पैलेस जैसे नाम शामिल हैं। इन होटलों में सामान्य सुविधाएं जैसे आरामदायक कमरे, भोजन और शुद्ध शाकाहारी भोजन उपलब्ध होते हैं।
Mid-Range Hotels: अगर आप थोड़ा बेहतर और अधिक सुविधाजनक आवास चाहते हैं, तो होटल आत्री, होटल देवी ग्रैंड, और होटल गिरिराज रिसॉर्ट जैसे होटलों में ठहर सकते हैं। ये होटल यात्रियों के लिए आरामदायक रहने और भोजन की उत्तम सुविधाएं प्रदान करते हैं।
धर्मशालाएं: कटरा में कई प्रसिद्ध धर्मशालाएं भी हैं, जैसे श्रद्धा भवन, जहां सस्ती दरों पर साफ-सुथरी व्यवस्था मिलती है।
रियासी के प्रमुख होटल्स:
होटल शिवालय: यह एक प्रसिद्ध होटल है, जो यात्रियों को बुनियादी और आरामदायक सेवाएं प्रदान करता है।
धर्मशालाएं और लॉज: रियासी में कई सस्ते लॉज और धर्मशालाएं हैं, जो तीर्थयात्रियों के लिए उपयुक्त हैं। यहाँ की सुविधाएं अच्छी हैं और यात्रा के दौरान आराम करने के लिए एक आदर्श विकल्प हैं।
How to reach Shiv Khori Gufa in Hindi (शिवखोड़ी गुफा तक कैसे पहुंचे)
शिवखोड़ी गुफा तक पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको जम्मू और कश्मीर राज्य के रियासी जिले की यात्रा करनी होगी। शिवखोड़ी गुफा प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। अधिकतर माता वैष्णो देवी पर आने वाले श्रद्धालु शिवखोड़ी गुफा के दर्शन करने के लिए आते है। इस गुफा तक पहुंचने के लिए कई साधन उपलब्ध हैं। शिवखोड़ी गुफा तक पहुंचने का मार्ग इस प्रकार है।
1. How to reach Shiv Khori Gufa by Flight (हवाई मार्ग से शिवखोड़ी गुफा कैसे पहुंचे)
- निकटतम हवाई अड्डा जम्मू हवाई अड्डा है, जो शिवखोड़ी से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- जम्मू हवाई अड्डे से आप टैक्सी या बस द्वारा शिवखोड़ी के लिए यात्रा कर सकते हैं।
- जम्मू हवाई अड्डे पर देश के प्रमुख शहरों से नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं।
2. How to reach Shiv Khori Gufa by Train (रेल मार्ग से शिवखोड़ी गुफा कैसे पहुंचे)
- निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी रेलवे स्टेशन है, जो शिवखोड़ी से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- जम्मू तवी स्टेशन पर भारत के विभिन्न शहरों से नियमित ट्रेनें उपलब्ध हैं। स्टेशन से आप टैक्सी, बस या अन्य निजी वाहन लेकर शिवखोड़ी पहुंच सकते हैं।
3. How to reach Shiv Khori Gufa by Road (सड़क मार्ग से शिवखोड़ी गुफा कैसे पहुंचे)
- शिवखोड़ी तक सड़क मार्ग से पहुंचना सबसे सुविधाजनक होता है। आप जम्मू या कटरा से बस, टैक्सी, या निजी वाहन से शिवखोड़ी के लिए जा सकते हैं।
- कटरा (माता वैष्णो देवी का बेस कैंप) से शिवखोड़ी की दूरी लगभग 85 किलोमीटर है। कटरा से नियमित बस सेवाएं और टैक्सी शिवखोड़ी के लिए उपलब्ध हैं।
- रियासी से शिवखोड़ी की दूरी लगभग 48 किलोमीटर है। रियासी से भी आप टैक्सी या बस द्वारा गुफा तक जा सकते हैं।
Shiv Khori Gufa Map in Hindi (शिवखोड़ी गुफा का मेप)
दोस्तों हमने आपको शिवखोड़ी गुफा तक जाने के लिए मैप साजा किया हुआ है। जिसके सहारे आप अपनी यात्रा तक पहुंच सकते है। शिवखोड़ी की इस यात्रा में Google Map आपका पूरा साथ देगा।
दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आपको शिवखोड़ी गुफा (Shiv Khori Yatra 2024) की पूरी जानकारी के बारे में पढ़कर आनंद आया होगा।
यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आये तो हमारे फेसबुक पेज “PUBLIC GUIDE TIPS” को “LIKE” और “SHARE” जरुर करे।
धार्मिक और पर्यटक स्थलो की और अधिक जानकारी के लिए आप हमारे You Tube Channel PUBLIC GUIDE TIPS को जरुर “SUBSCRIBE” करे।
अगर आप हमे अपना कोई सुझाव देना चाहते है या यात्रा संबधित आपका कोई प्रश्न हो तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।