Shardiya Navratri 2024 Date :- हिन्दू धर्म में नवरात्री का विशेष महत्व माना गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार एक साल में 4 बार नवरात्री आते है। जिसमे से 2 गुप्त नवरात्री होते है, जो गृहस्थ लोगो के लिए अच्छे नहीं माने जाते है। बाकि एक नवरात्री चैत्र माह में आते है, जिन्हे हम चैत्र नवरात्री के नाम से जानते है। और दूसरे नवरात्री आश्विन माह में आते है, जिन्हे हम शारदीय नवरात्री के नाम से जानते है। अगर हम चैत्र नवरात्री की बात करे तो यह नवरात्री मार्च या अप्रैल माह में शुरू होते है। वही अगर हम शारदीय नवरात्री की बात करे तो इस साल यह (Shardiya Navratri 2024 Date) नवरात्री अक्टूबर माह में शुरू हो रहे है। जिस दौरान माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है। इस साल पुरे 9 दिनों के शारदीय नवरात्री होंगे। दोस्तों आइये जानते है (Shardiya Navratri 2024 Date) शारदीय नवरात्री की तिथि, महत्व से लेकर शुभ मुहूर्त तक।
Table of Contents
Shardiya Navratri 2024 Date (शारदीय नवरात्री 2024 कब है)
आपको बतादे की इस बार शारदीय नवरात्री (Shardiya Navratri 2024 Date) अक्टूबर के महीने में शुरू हो रहे है। हमारे हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरम्भ 03 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार को सुबह 12 बजकर 19 मिनट से शुरू हो रही है। और 04 अक्टूबर 2024 दिन शुक्रवार को सुबह 02 बजकर 58 मिनट पर समाप्त हो रही है। इस बार शारदीय नवरात्री (Shardiya Navratri 2024 Date) की शुरवात 03 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार से हो रही है। और इस साल पुरे 9 दिनों के नवरात्री होंगे। इसके साथ ही शारदीय नवरात्री का समापन 12 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार को हो रहा है। और 12 अक्टूबर 2024 दिन शनिवार को यानी दसवें दिन विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जायेगा।
Shardiya Navratri 2024 Ghatasthapana Muhurat (शारदीय नवरात्री घटस्थापना मुहूर्त 2024)
हमारे हिन्दू पंचांग के अनुसार नवरात्री के पहले दिन घर के पूजा स्थल पर कलश स्थापना की जाती है। और पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है। आपको बतादे की इस बार शारदीय नवरात्री (Shardiya Navratri 2024 Date) 03 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार को सुबह 06 बजकर 19 मिनट से शुरू हो रहे है। और कलश स्थापना (घटस्थापना) करने का शुभ मुहूर्त 03 अक्टूबर 2024 को सुबह 06 बजकर 19 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 23 मिनट तह रहेगा। वही अभिजित मुहूर्त 03 अक्टूबर 2024 को दोपहर 11 बजकर 52 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तह रहेगा। शुभ मुहूर्त के अनुसार शारदीय नवरात्री (Shardiya Navratri 2024 Date) के पहले दिन आप अपने घर के मंदिर में कलश स्थापना (घटस्थापना) कर सकते है। और विधिविधान के साथ माँ दुर्गा की पूजा अर्चना कर सकते है।
- घटस्थापना मुहूर्त – सुबह 06:19 – सुबह 07:23 (अवधि – 1 घंटा 4 मिनट)
- कलश स्थापना अभिजित मुहूर्त – सुबह 11:52 – दोपहर 12:40 (अवधि – 48 मिनट)
- कन्या लग्न प्रारम्भ – 3 अक्टूबर 2024, सुबह 06:19
- कन्या लग्न समाप्त – 3 अक्टूबर 2024, सुबह 07:23
Shardiya Navratri 2024 Calender (शारदीय नवरात्री 2024 तिथि)
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुवात 03 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार को सुबह 12 बजकर 19 मिनट से हो रही है। तभी से शारदीय नवरात्री शुरू हो रहे है। जिसमे माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले शारदीय नवरात्री से लेकर अंतिम यानी 9 वे नवरात्री तक किस-किस देवी माँ की पूजा की होती है हमने आपको निचे पूरा वर्णन किया हुआ है।
- 3 अक्टूबर 2024 (प्रतिपदा) : शारदीय नवरात्री का पहला दिन घटस्थापना, मां शैलपुत्री की पूजा
- 4 अक्टूबर 2024 (द्वितीया) : शारदीय नवरात्री का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
- 5 अक्टूबर 2024 (तृतीया) : शारदीय नवरात्री का तीसरा दिन मां चन्द्रघण्टा की पूजा
- 6 अक्टूबर 2024 (चतुर्थी) : शारदीय नवरात्री का चौथा दिन मां कूष्माण्डा की पूजा
- 7 अक्टूबर 2024 (पंचमी) : शारदीय नवरात्री का पांचवा दिन मां स्कंदमाता की पूजा
- 8 अक्टूबर 2024 (षष्ठी) : शारदीय नवरात्री का छठवा दिन मां कात्यायनी की पूजा
- 9 अक्टूबर 2024 (सप्तमी) : शारदीय नवरात्री का सातवा दिन मां कालरात्रि की पूजा
- 10 अक्टूबर 2024 (अष्टमी) : शारदीय नवरात्री का अठवा दिन महाष्टमी, मां सिद्धिदात्री की पूजा
- 11 अक्टूबर 2024 (नवमी) : शारदीय नवरात्री का नोवा दिन महानवमी, मां महागौरी की पूजा, कन्या पूजा
- 12 अक्टूबर 2024 (दशमी) : शारदीय नवरात्री का दसवा दिन विजयादशमी, दशहरा, नवरात्रि पारण, दुर्गा विसर्जन
Importance of Sharadiya Navratri 2024 (शारदीय नवरात्रि का महत्व)
शारदीय नवरात्री (Shardiya Navratri 2024 Date) का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। यह पर्व देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना के लिए मनाया जाता है और यह आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। शारदीय नवरात्रि आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में आता है और दसवें दिन विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है।
शारदीय नवरात्रि के महत्व का मुख्य उद्देश्य मां दुर्गा की उपासना के माध्यम से आध्यात्मिक शुद्धि, आंतरिक शक्ति, और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीकात्मक संदेश देना है। इस पर्व के पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं।
- देवी दुर्गा की पूजा: नौ दिनों तक देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, जो शक्तिशाली स्त्री ऊर्जा का प्रतीक हैं। हर दिन एक अलग रूप जैसे शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा आदि की पूजा की जाती है।
- आध्यात्मिक शुद्धि: नवरात्रि का समय ध्यान, उपवास, और आत्म-निरीक्षण का होता है। यह आत्मा की शुद्धि और आत्मा में शांति और शक्ति का संचार करने के लिए आदर्श समय माना जाता है।
- बुराई पर अच्छाई की विजय: यह पर्व देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर के वध की कथा से जुड़ा हुआ है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह संदेश देता है कि अंततः सत्य की जीत होती है।
- सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव: नवरात्रि के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ जैसे गरबा, डांडिया आदि होते हैं, जो सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देते हैं।
- विजयादशमी: दसवें दिन रावण पर भगवान राम की विजय के रूप में दशहरा मनाया जाता है। यह दिन बुराई के अंत और सत्य की विजय का प्रतीक है।
शारदीय नवरात्रि इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल धार्मिक उपासना का समय होता है, बल्कि इसमें समाज, संस्कृति और आत्मिक विकास के संदेश भी निहित होते हैं।
Shardiya Navratri 2024 Mata Ki Sawari (शारदीय नवरात्रि 2024 माता की सवारी)
जय माता दी, दोस्तों इस बार 03 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। नवरात्री के समय हर साल माँ दुर्गा पालकी, डोली या फिर अपनी सवारी शेर पर सावर होकर एक बार पृथ्वी पर जरूर आती है। और पूरी पृथ्वी का भृमन करती है। जो भी भक्त माँ दुर्गा के इन नो दिनों उपवास और उनकी पूजा अर्चना करता है। तो माँ दुर्गा अपने भक्तो का कल्याण करने के लिए पृथ्वी पर जरूर आती है। और उनकी सभी मनोकामनाए पूरी करती है। हमारे सनातन धर्म के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मां दुर्गा का डोली, पालकी या शेर पर सवार होकर पृथ्वी पर आना प्राकृतिक आपदा, महामारी और देश में शासन व्यवस्था में अस्थिरता का संकेत देता है।
Shardiya Navratri 2024 Maa Durga Mantra Chanting (शारदीय नवरात्रि में करें मां दुर्गा के इन मंत्रों का जाप)
शारदीय नवरात्री के महीनो में माँ दुर्गा की जितनी पूजा अर्धना और मंत्रो का उच्चारण करो उतना ही कम है। क्योंकि नवरात्री के इन दिनों में माँ दुर्गा पृथ्वी पर ही वास करती है। और अपने भक्तो का कल्याण करती है। हमने आपको निचे माँ दुर्गा के मंत्रो दिखाया हुआ है जिनका आप जाप कर सकते है।
1. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
2. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
3. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
4. नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’ का जाप अधिक से अधिक अवश्य करें।
दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आपको शारदीय नवरात्री 2024 (Shardiya Navratri 2024 Date) की पूरी जानकारी के बारे में पढ़कर अच्छा लगा होगा।
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