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Pandit Pradeep Mishra Biography in Hindi :- पंडित प्रदीप मिश्रा जी देश के सबसे प्रसिद्ध और चर्चित भारतीय कथावाचकों में से एक हैं। जो विशेष रूप से शिव महापुराण कथा के प्रवचन के लिए जाने जाते हैं। वे अपने सरल और सहज शैली में धार्मिक कथाएँ सुनाते हैं। जिनसे लोग अध्यात्म और धार्मिक शिक्षाओं से जुड़ते हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पास स्थित कुबेरेश्वर धाम (Kubereshwar Dham Sehor) की जिसका निर्माण विट्ठलेश सेवा समिति द्वारा पंडित प्रदीप मिश्रा जी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव का उन पर अटूट आशीर्वाद है। उन्हें सीहोर वाले बाबा (Sehor Wale Baba) के नाम से भी जाना जाता है।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है हेमंत और पब्लिक गाइड टिप्स ब्लोग्स में आपका स्वागत है। दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे भारीतय कथावाचक गुरु के बारे में बताने जा रहे है। जिनका नाम और कथा आपने लगातार टीवी या सोशल मीडिया के जरिए जरूर सुनी होगी। जी हां हम बात कर रहे है पंडित प्रदीप मिश्रा जी (Pandit Pradeep Mishra) के बारे में, जो अपनी कथा के जरिए लोगो को भगवान शिव की आराधना कैसे करे ये करना सिखाते है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम पंडित प्रदीप मिश्रा जी का जीवन परिचय (Pandit Pradeep Mishra Biography) देने का प्रयास किया है।
Table of Contents
Pandit Pradeep Mishra ka Jivan Parichay in Hindi | पंडित प्रदीप मिश्रा का जीवन परिचय
पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) भारत के एक प्रसिद्ध कथावाचक और धार्मिक प्रवचनकर्ता हैं, जो शिव पुराण की कथाओं के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। वह मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के रहने वाले है और वहा पर स्थित कुबेरेश्वर धाम, कुबेरेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में कार्य करते हैं। उनके प्रवचन शिव भक्ति और आध्यात्मिकता के प्रति लोगों में जागरूकता और समर्पण बढ़ाने का कार्य करते हैं। वे विशेष रूप से “शिव महापुराण” और अन्य धार्मिक ग्रंथों पर आधारित कथाएँ सुनाते हैं, जो श्रोताओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं। अगर हम उनके पालन-पोषण की बात करे तो वह एक गरीब भ्रह्माण परिवार में जन्मे थे। जिस कारन उनके परिवार को कई आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आध्यात्मिक कार्यक्रमों में पहनने के लिए उनके पास एक भी धोती खरीदने के पैसे नहीं थे। तब किसी ने जाकर उनको एक दी थी। जिसको उन्होंने कई वर्षों तक पहना। वह बचपन से अपने माता-पिता के साथ आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों में शामिल होते थे। और धीरे-धीरे अपने सनातन धर्म की आध्यात्मिकता की ओर प्रवृत्त होने लगे। बाद में वह एक पंडित के रूप में कार्य करते करते ही एक स्कूल में शिक्षक भी बन गए। और साल 10 के बाद उन्होंने शिक्षक के पद से अपना इस्तीफा दे दिया। बाद में उन्होंने धीरे धीरे कुबेरेश्वर धाम मंदिर का निर्माण कराया। और लोगों को मुफ्त भोजन, गाय की सेवाएं और मुफ्त चिकित्सा देने के लिए सीहोर, मध्य प्रदेश में श्री विट्ठलेश सेवा समिति की भी स्थापना की है।
टॉपिक | Pandit Pradeep Mishra: इस लेख में जानिये पंडित प्रदीप मिश्रा के अचूक उपाय। |
लेख प्रकार | आर्टिकल |
भाषा | हिंदी |
वर्ष | 2024 |
नाम | पंडित प्रदीप मिश्रा |
दूसरा नाम | रघुराम मिश्रा |
जन्मस्थान | सीहोर , मध्य प्रदेश |
आयु | 47 वर्ष |
धर्म | हिंदू |
प्रसिद्धि का कारण | शिवपुराण के प्रसिद्ध कथावाचक |
Who is Pandit Pradeep Mishra in Hindi | पंडित प्रदीप मिश्रा कौन हैं?
पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) एक प्रसिद्ध भारतीय धार्मिक कथावाचक हैं, जो मुख्य रूप से शिव महापुराण की कथा और शिव भक्ति के प्रचार-प्रसार के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म और पालन-पोषण मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में हुआ था। इसीलिए उन्हें सीहोर वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। वे अपने शिव महापुराण प्रवचनों के माध्यम से लाखों भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान और शिव भक्ति से प्रेरित करते हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) की विशेषता यह है कि वे अपने प्रवचनों में सरल और प्रभावशाली भाषा का उपयोग करते हैं, जिससे भक्त आध्यात्मिकता और धार्मिकता की गहराइयों को आसानी से समझ पाते हैं। उनके कार्यक्रमों में लाखो की संख्या में लोग भाग लेते हैं। और वे विशेष रूप से शिव भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उनके प्रवचनों का उद्देश्य केवल धार्मिक ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और लोगों को एक अच्छा जीवन जीने के लिए प्रेरित करना भी है। पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) की शिव महापुराण कथाएँ न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हो चुकी हैं।
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Pandit Pradeep Mishra Date of Birth in Hindi | पंडित प्रदीप मिश्रा का का जन्म
पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) या सीहोर वाले बाबा का जन्म 4 जुलाई 1980 में मध्य प्रदेश के भोपाल शहर के पास स्थित सीहोर जिले में हुआ था। जिसे पहले सिद्धपुर के नाम से भी जाना जाता था। पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) का दूसरा नाम रघुराम है। और एक गरीब ब्राह्मण परिवार होने के कारन उनका जीवन बड़ी कठिनाईओ से गुजरा। उनके पिता का नाम श्री रामेश्वर दयाल मिश्रा जी था। पंडित प्रदीप मिश्रा की कथाएँ भारत में और विदेशों में भी सुनाई जाती हैं, और उन्हें शिव भक्तों के बीच विशेष लोकप्रियता प्राप्त है।
सीहोर में भगवान श्री गणेश का एक मंदिर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। जहा पर अष्टविनायक में से एक विनायक की स्वयंभू प्रतिमा स्थापित है। सीहोर में सीवन नदी के किनारे 108 शिवलिंग स्थापित हैं। ऐसी सिद्ध धरा भूमि पर पंडित प्रदीप मिश्रा जी का जन्म हुआ। और आज पंडित प्रदीप मिश्रा ने देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी अपनी कथा के माध्यम से शिव भगवान की भक्ति का प्रकाश कर दिया। पंडित प्रदीप मिश्रा का जीवन परिचय (Pandit Pradeep Mishra Biography) में ऐसी बहुत सी बाते है। जिनको हम आपके साथ साजा करेंगे।
Pandit Pradeep Mishra Early Life in Hindi | पंडित प्रदीप मिश्रा का प्रारंभिक जीवन
पंडित प्रदीप मिश्रा का प्रारंभिक जीवन मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में एक धार्मिक और संस्कारी ब्राह्मण परिवार में बीता। उनका जन्म 15 दिसंबर 1980 को हुआ था। उनका परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का था, जिससे उनके जीवन में प्रारंभ से ही आध्यात्मिकता और धर्म का माहौल बना रहा। वह पढ़ने-लिखने में शुरू से ही बहुत तेज थे। बचपन में उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे कथावाचक बनेंगे।
उनके गुरुजनों और परिवार ने उन्हें वेद, पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करवाया। प्रारंभिक जीवन से ही उन्होंने शिव महापुराण का गहन अध्ययन किया, जिससे उनकी कथा वाचन शैली में एक गहरी आध्यात्मिकता और ज्ञान दिखाई देता है। उनके प्रारंभिक जीवन में मिले संस्कार और शिक्षा ने ही उन्हें भविष्य में एक प्रसिद्ध कथा वाचक और शिव भक्त के रूप में स्थापित किया।
Pandit Pradeep Mishra Childhood in Hindi | पंडित प्रदीप मिश्रा जी का बचपन कैसे बीता
पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने एक न्यूज़ चैनल माध्यम के जरिये अपने इंटरव्यू में स्वयं बताया था। जिसमे उन्होंने अपने बचपन के बारे में काफी कुछ बताया था। उन्होंने बताया की उनके परिवार में उनके पिता को छोड़कर सभी लोग पढ़े लिखे थे और सभी के सभी नौकरी पेशे वाले थे। परन्तु पिता के न पढ़े होने के कारन उन्होंने पिता चने का ठेला लगाया करते थे।
पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने बताया की जब मेरा जन्म हुआ था तो मेरे पिता जी के पास उस दौरान अस्पताल में दाई को देने के लिए ढाई रुपए भी नहीं थे। जिस कारन वश उनका जन्म उनके घर में ही तुलसी की कोट के पास हुआ था । उनके अनुसार आज भी वह तुलसी का कोर्ट पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) श्रा जी के पास सुरक्षित रखा हुआ है जिसके पास उनका जन्म हुआ था।
पंडित प्रदीप मिश्रा के पिताजी रामेश्वर दयाल मिश्रा जी पहले चने का ठेला लगाया करते थे बाद में उन्होंने चाय की दुकान खोली थी। जिसमें पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) जी भी चाय बनाकर अपने ग्राहकों को दिया करते थे। अपने पिताजी के साथ काम करते करते हुन्होने अपनी पढ़ाई भी पूरी करि और बाद में उन्होंने एक एजेंसी पर भी काम किया जिस पर वह एक साइकिल पर आया जाया करते थे।
Pandit Pradeep Mishra Education in Hindi | पंडित प्रदीप मिश्रा की शिक्षा
पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) मध्य प्रदेश के सिहोर जिले के रहने वाले है, उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सीहोर के एक निजी हाई स्कूल से पूरी की थी। बाद में उन्होंने स्नातक की डिग्री भी पूरी की थी। और उसके साथ-साथ उन्होंने हिंदू धार्मिक ग्रंथों का भी अध्ययन किया था। उन्हें आज अपने हिंदू होने पर बहुत गर्व है।
उनकी शिक्षा का मुख्य उद्देश्य केवल धार्मिक ज्ञान अर्जित करना नहीं था, बल्कि उसे जीवन में लागू करना और लोगों को धर्म के प्रति जागरूक करना था। यही कारण है कि उनकी कथाओं और प्रवचनों में गहन धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ जीवन के वास्तविक अनुभव और सरलता का मेल देखने को मिलता है।
Pandit Pradeep Mishra Marriage in Hindi | पंडित प्रदीप मिश्रा की शादी
पंडित प्रदीप मिश्रा की शादी हो चुकी है, और उनके दो बेटे भी है। पंडित प्रदीप मिश्रा पत्नी का नाम श्रीमती सीमा मिश्रा है। और पुत्रो की बात करे तो एक पुत्र का नाम माधव मिश्रा और दूसरे पुत्र का नाम राघव मिश्रा है। पंडित प्रदीप मिश्रा अपने परिवार वालो के साथ एक साधारण और धार्मिक जीवन जीते हैं। जिसमे उनका परिवार उनके धार्मिक कार्यों में पूरा समर्थन और सहयोग करता है। इसीलिए पंडित प्रदीप मिश्रा अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ धार्मिक और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहते हैं।
उनकी पत्नी सीमा मिश्रा भी धार्मिक प्रवृत्ति की हैं और उन्हें उनके कामों में पूरा सहयोग देती हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा जी का जीवन परिचय (Pandit Pradeep Mishra Biography) और पारिवारिक जीवन बहुत सादगीपूर्ण और अनुशासित है, और वे अपने परिवार के साथ मिलकर समाज और धर्म की सेवा करते हैं। और अपनी कथा के माध्यम से भगवान शिव की पूजा अर्धना के बारे में बताते है।
Pandit Pradeep Mishra Family in Hindi | पंडित प्रदीप मिश्रा का परिवार
पंडित प्रदीप मिश्रा मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में अपने परिवार के साथ रहते हैं। जहा पर उनका जन्म एक भ्रह्माण परिवार में हुआ था। उनके पिता का पंडित श्री रामेश्वर दयाल मिश्रा और माता का नाम सीता मिश्रा है। पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) के दो भाई है, जिनका नाम दीपक मिश्रा और विनय मिश्रा है। पंडित प्रदीप मिश्रा शादीशुदा हैं, उनकी पत्नी का नाम ज्ञात नहीं है। पंडित प्रदीप मिश्रा के दो बेटे है एक बेटे का नाम माधव मिश्रा और दूसरे बेटे का नाम राघव मिश्रा है। उनका कहना है की भोलेनाथ की कृपा से आज वो अपने परिवार से साथ बहुत खुश हैं।
पिता का नाम | श्री रामेश्वर दयाल मिश्रा |
माता का नाम | श्रीमती सीता मिश्रा |
भाई का नाम | दीपक मिश्रा और विनय मिश्रा |
बहन | नहीं है |
पत्नी का नाम | सीमा मिश्रा |
बच्चे का नाम | 2 पुत्र माधव मिश्रा और राधव मिश्रा |
Pandit Pradeep Mishra become a Storyteller | पंडित प्रदीप मिश्रा जी कथावाचक कैसे बने
पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) जी स्वयं इस बात को बताते हैं, की सीहोर में गीता बाई पाराशर के नाम से एक गृहणी रहती थी। अपने पति की मृत्यु के बाद वह गृहणी दुसरो के घरो में भोजन बनाने का कार्य करती थी। गीता बाई पाराशर सुबह शाम पूजा-पाठ किया करती थी एक दिन वह अपने घर पर श्रीमद्भागवत पुराण का पाठ कराना चाहती थी। पंडित प्रदीप मिश्रा जी की स्वयं आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी की वह उनके लिए श्रीमद्भागवत पुराण ले सकें। क्योंकि उनके पास खुद एक धोती तक नहीं थी।
गीता बाई पाराशर ने पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) से कहा की पहले आप किसी गुरु से गुरु दीक्षा लीजिए। उसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा जी गुरु दीक्षा लेने के लिए इंदौर के गोवर्धन नाथ हवेली जी मंदिर में पहुंचे। और वहा गुरूजी को देखने लगे। गुरु दीक्षा लेने के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा जी वहा सीधे विट्टलेश राय काका जी महाराज के पास पहुंचे। तो सबसे पहले गुरुजी ने पंडित प्रदीप मिश्रा से भोजन करने करने के लिए कहा को कहा। लेकिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा गुरूजी पहले मुझे आप गुरु दीक्षा दे दीजिए। उसके बाद ही मैं भोजन ग्रहन करूंगा लेकिन गुरुजी ने कहा नहीं पहले तुम्हे भोजन ग्रहण करो उसके बाद मैं तुम्हे दीक्षा दूंगा।
गुरूजी ने उनकी परीक्षा ली जिसमे वो सफल हुए और उन्हें गुरु दीक्षा प्राप्त हुई। पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) जी कहते है की उनके गुरूजी ने ही उन्हें धोती पहनना सिखाया। और उनके हाथ में एक पोथी रखकर बोले की जाओ मेने आशीर्वाद दिया की तुम्हारा पंडाल कभी खाली नहीं रहेगा। उन्ही गुरूजी के आशीर्वाद और महादेव की कृपा के बदौलत आज पंडित प्रदीप मिश्रा जी का पंडाल कभी खाली नहीं रहता। बल्कि जितने भक्त पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने के लिए पंडाल के अंदर बैठे होते है, उससे कही ज्यादा भक्त तो पंडाल के बहार उपस्थित होते है। उनका कहना है की मेरे ऊपर मेरे महादेव और मेरे गुरु दोनों का आशीर्वाद बरस रहा है।
Pandit Pradeep Mishra ke Upay in Hindi | पंडित प्रदीप मिश्रा के उपाय
दोस्तों आज के दौर में हर किसी के जीवन में कोई न कोई समस्या जरूर होती है। पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra Biography) जी अपने शिव महापुराण कथाओं में लोगों को सरल और प्रभावी उपाय बताते हैं, जो भगवान शिव की कृपा पाने और जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए होते हैं। उनके बताए गए उपाय धार्मिक और आध्यात्मिक होते हैं, जो लोगों की श्रद्धा और विश्वास पर आधारित होते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में किसी न किसी समस्या से परेशान हैं तो आप पंडित प्रदीप मिश्रा जी की कथा सुनने के लिए सिहोर आ सकते है या फिर घर बैठे की उनके यूट्यूब चैनल के माध्यम से अपनी समस्या के उपाय सुन सकते है।
अक्सर हमने देखा है पंडित प्रदीप मिश्रा जी के पास भक्त अपनी कई समस्या लेकर आते है जैसे कर्ज से मुक्ति, संतान प्राप्ति, नौकरी, विवाह, बीमारी और अन्य समस्याय, वो आपको बताते है की आपको भगवान् शिव की कब, कैसे और किस तरह से आरधना करनी है। और श्री शिवाय नमस्त्युभ्यं का अधिक से अधिक जप करना बताते है। आप उनके यूट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर सभी उपायों की वीडियो घर बैठे ही देख सकते है। जिससे आपकी सभी समस्याएं दूर हो सकेंगी।
Pradeep Mishra Ke Bhajan | पंडित प्रदीप मिश्रा के भजन
आपको बतादे की पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) जी भगवान शिव की कथा के साथ साथ भजन भी बहुत अच्छे गाते है। जिनके भजनो पर भक्त मग्न होकर भक्ति में खो जाते है।
भोले बाबा तेरी नौकरी
सबसे बढ़िया है सबसे खरी
तेरे दरवाजे की चाकरी
सबसे बढ़िया है सबसे खरी
हो हो भोले बाबा तेरी नौकरी
सबसे बढ़िया है सबसे खरी
जब से तेरा गुलाम हो गया
तब से मेरा भी नाम हो गया
वरना औकात क्या थी मेरी
सबसे बढ़िया है सबसे खरी
भोले बाबा तेरी नौकरी
सबसे बढ़िया है सबसे खरी
भगवान दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
भगवान दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
भोलेनाथ दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
महाकाल दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
भोलेनाथ दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
शम्भू नाथ दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
ना घर के भरोसे हूँ ना परिवार के भरोसे हूँ
ना घर के भरोसे हूँ ना परिवार के भरोसे हूँ
भोलेनाथ दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
ना घर की हो चिंता ना परिवार का हो बंधन
ना घर की हो चिंता ना परिवार का हो बंधन
भोलेनाथ दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
शम्भू नाथ कृपा करना मैं तेरे भरोसे हूँ
सारे जग ने ठुकराया है तूने ही संभाला है
सारे जग ने ठुकराया है तूने ही संभाला है
भोलेनाथ दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
ना इनके भरोसे हूँ ना उनके भरोसे हूँ
भोलेनाथ दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
भोलेनाथ दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
शम्भू नाथ दया करना मैं तेरे भरोसे हूँ
बमा बम भोले शंकर गले में नाग भयंकर
बमा बम भोले शंकर गले में नाग भयंकर
विपदा हमारी हरलो त्रिपुरारी भोले बाबा
बमा बम भोले शंकर गले में नाग भयंकर
बमा बम भोले शंकर गले में नाग भयंकर
रावण को बाबा तूने लंका दिया है
भस्मासुर को तूने कंकड़ दिया है
उसी ने तेरा पीछा किया भोले बाबा
बमा बम भोले शंकर गले में नाग भयंकर
बमा बम भोले शंकर गले में नाग भयंकर
सारांश
दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको पंडित प्रदीप मिश्रा जी का जीवन परिचय (Pandit Pradeep Mishra Biography) में जन्म से लेकर अब तक की जीवन यात्रा को जानने का प्रयास कराया है। आप हमारे इस आर्टिकल के बारे में क्या सोचते हैं। प्लीज हमें कमेंट करके जरूर बताएं। यदि आपके पास इस आर्टिकल के बारे में कोई और जानकारी है, तो आप हमें कमेंट या ईमेल कर सकते हैं। अगर आपकी दी गयी जानकारी हमे सही लगती है। तो हम आपकी उस दी गयी जानकारी को अपने इस आर्टिकल में जोड़ने का प्रयास करेंगे।
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