Elephanta Caves Mumbai Information in Hindi: भारत के महारास्ट्र राज्य में स्थित हैं एलीफेंटा गुफाएं प्रयटकों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्सन का केंद्र है जो की मुंबई शहर के गेटवे ऑफ़ इंडिया से लगभग 12 km दूर घारपुरी द्वीप पर स्थित हैं।एलीफेंटा गुफाएं अपनी कलात्मक कलाओ के कारण काफी प्रसिद्ध है। 60,000 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैली एलीफेंटा में कुल 7 गुफाएँ हैं। जो की दो अलग अलग वर्गो में बटी हुई है आज के इस लेख में हम आपको Elephanta Caves Mumbai Information in Hindiएलीफैंटा गुफाओं के रहस्यों के बारे बताने वाले है।
एलीफैंटा गुफाओं का इतिहास (Elephanta Caves History In Hindi)
- एलीफेंटा में कुल 7 गुफाएँ हैं। जो की दो अलग अलग वर्गो में बटी हुई है जिसमे से 5 गुफाये हिन्दू धर्म को और 2 गुफाये बोध धर्म को समर्पित है
- यहां की जो मुख्य गुफा है उसमे 26 स्तंभ हैं, जिसमें भगवान् शिव को कई रूपों में दर्शाया गया हैं।
- पहाड़ो को काटकर बनाई गई ये हिन्दू धर्म के अनेक देवी देवताओं की मूर्तियाँ दक्षिण भारतीय मूर्तिकला से प्रेरित होती है।
- पहले गुफा का ऐतिहासिक नाम घारपुरी था यहाँ पर बने पत्थर के हाथी के कारण एलिफेंटा नाम पुर्तगालियों द्वारा दिया गया था हैं।
- अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण इन गुफाओं को 1987 में यूनेस्को द्धारा विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया था।
एलीफेंटा गुफाओं की सरचना (Elephanta Caves Architecture in Hindi)
- एलीफेंटा गुफा के बारे बहुत से सलाहकारों ने कुछ ऐसा बया है की जब महाभारत हुई थी तो पांडवों ने अपने ठहरने के लिए इन गुफाओ को बनवाया था। लेकिन कई सालो के बाद पुर्तगालियों को यहां पर हाथियों की बड़ी-बड़ी मूर्तियां मिली थी।
- तभी से इन गुफाओ का नाम “एलीफेंटा” घोसित किया गया, यहां पर जितनी भी प्रतिमा है वो लगभग 5 वी से 8 वी शताब्दी के बिच की बनी हुई है।
एलीफेंटा गुफाओं की कहानी (Elephanta Caves Story in Hindi)
- पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव के दानव भक्त बाणासुर इन गुफाओ में रह चुके है। यहां की स्थानिक परम्पराओ और जानकारों के अनुसार ये गुफाये मानव निर्मित नही है। इसलिए ये गुफा भगवान् शिव को समर्पित है।
- एक कहानी के अनुसार ऐसा भी कहा जाता है 7 वी शताब्दी में चालुक्य ने कलचुरिस और कोकण मौर्य को पराजित कर इस गुफा का निर्माण कराया था इस गुफा के अंतिम दावेदार राष्ट्रकूट थे, जो 7 वी शताब्दी से 8 वी शताब्दी के अंत तक रहे थे यह द्वीप अपने इस अलग अलग तरह के इतिहास को दर्शाता है।
- एलीफैंटा गुफाओं को किसने, कब और कैसे बनवाया, कोई ठोस प्रमाण नहीं है बल्कि कुछ विद्धानों का ऐसा कहना है कि इसका निर्माण महाभारत के समय पांडवों द्धारा करवाया गया था। जबकि कुछ विद्धान ऐसा कहते है की एलीफेंटा गुफाओं का निर्माण शिव दानव भक्त बाणासुर ने करवाया था।
एलिफेंटा की ऐतिहासिक गुफा और मंदिर भगवान शिव को समर्पित है (Elephanta historic caves or temple is dedicated to Lord Shiva)
- एलीफेंटा की पहली गुफाओ को देखकर ऐसा प्रतीत होता हैं कि गुफा की जो वास्तुकला है वो बौद्ध मठ से ली गई हैं, एलीफेंटा की कुल सात गुफाओं में से 5 गुफाएं हिन्दू धर्म और 2 गुफाएं बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। जिसमे एक केन्द्रीय दरबार और 26 स्तम्भ है गुफा के पूर्व और पश्चिम दिशा में दो प्रवेश द्वार हैं। यहां पर भगवान शिव की 9 बड़ी मूर्तियो को कई रूपों में दर्शाया गया हैं। जिसमे त्रिमूर्ति और अर्धनारीश्वर मूर्ति सबसे ज्यादा आकर्षित और प्रचलित है
- त्रिमूर्ति में भगवान शंकर के तीन रूपों का चित्रण अर्थात ब्रह्मा विष्णु महेश के रूप हैं यह मूर्ति 23 फीट लम्बी तथा 17 फीट ऊँची है
- अर्धनारीश्वर मूर्ति की बात करे तो इस मूर्ति में आधे शिव और आधी पारवती माँ के शरीर को दर्शाया गया है इस प्रतिमा में पुरुष और स्त्री दोनों शक्तियों को एक साथ मिलाया गया है जो की प्रेम को मोहित करती है
- एक की मूर्ति पंचमुखी परमेश्वर के रूप में है जो शांति तथा सौम्यता को दर्शाती है
- भगवान् शिव की एक मूर्ति चौमुखी में गोलाकार में है इसमें शिव को भैरव के रूप में दर्शाया गया है और भगवान शिव को तांडव नृत्य करते हुए दिखाया गया है।
- भगवान् शिव की एक मूर्ति में उनको तनकर खड़ा करके दिखाया गया हैं और अभय मुद्रा में उनके हाथ दिखाए गए है। शंकर की जटा से माँ गंगा, यमुना और सरस्वती की धारा को बेहता हुआ दर्शाया गया है
- एक मूर्ति में भगवान शिव और पार्वती माँ के विवाह को भी दर्शाया गया है
- भगवान् शिव की एक मूर्ति को नटराज के रूप में दर्शाया गया है जो की बेहद आर्कषक लगती है
- एलीफेंटा गुफा की देखरेख भारत सरकार के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा की जा रही है।
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एलीफैंटा गुफा तक कैसे पहुंचे (How to reach Elephanta Caves in Hindi)
अगर आप मुंबई की एलीफैंटा गुफा घूमना चाहते हो तो सबसे पहले आपको कोलाबा में स्थित गेटवे ऑफ़ इंडिया आना होगा।
- हवाई अड्डा (By Air) – छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डे से आप गेटवे ऑफ इंडिया के लिए एक टैक्सी ले सकते हैं।
- रेलवे स्टेशन (By Train) – मुंबई के सेंट्रल स्टेशन से आप सीधे चर्चगेट स्टेशन पर आ सकते है और टैक्सी से गेटवे ऑफ इंडिया जा सकते हैं।
- बस अड्डा (By Bus) – मुंबई शहर काफी सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से जुड़ा हुआ है। यहां पर काफी राज्यों की बसें मुंबई सेंट्रल बस स्टेशन पर आती हैं आप यहां से टैक्सी लेकर सीधे गेटवे ऑफ इंडिया जा सकते हैं।
- गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) – गेटवे ऑफ इंडिया टर्मिनल से इस द्वीप पर जाने के लिए हर आधे घंटे में नौका चलती है जिसका आने जाने का टिकट 200 रूपये प्रति व्यक्ति का रहता है। टूरिस्ट इस नौका के माध्यम से लगभग एक घंटे में एलीफैंटा पहुंचते जाते है|
- नौका (Ferry) – नौका से द्वीप पर उतरने के बाद आपको 1 km पैदल चलना पड़ेगा अगर आप पैदल नहीं चल सकते तो वहा पर टॉय ट्रैन चलती है जिसका आने जाने का टिकट 50 रूपये प्रति व्यक्ति है
- खड़ी सीडी – वहा से आपको 120 खड़ी सीडी से चढ़कर ऊपर एलीफैंटा जाना होगा अगर आप सीडी नहीं चढ़ सकते तो वहा पर पालकी की सुविधा उपलब्ध है जिसका किराया 500 रूपये प्रति व्यक्ति है
एलीफैंटा गुफा घूमने का समय और प्रवेश शुल्क (Elephanta Caves Tour Timing & Entry Fees in Hindi)
- सुबह 9 बजे से शाम के 5:30 तक (सोमवार अवकाश)
- भारतीय पर्यटक के लिए 40 रूपये प्रति व्यक्ति।
- विदेशी पर्यटक के लिए 600 रूपये प्रति व्यक्ति।
- 15 वर्ष से कम बच्चो के लिए कोई शुल्क नहीं हैं।
इस लेख में हमने आपने Elephanta Caves Mumbai Information in Hindi एलीफेंटा गुफाओं से जुड़ी सभी जानकारी दी है आपको यह लेख केसा लगा हमे कमेंट्स करके जरूर बताना।
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