Bhuteshwar Mahadev Temple Saharanpur in Hindi | भूतेश्वर महादेव मंदिर

Bhuteshwar Mahadev Temple Saharanpur : उत्तर प्रदेश रज्य के सहारनपुर जिले में धोबी घाट पर स्थित श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर अपने अंदर एक अनूठा इतिहास समेटे हुए है। इस जगह पृथ्वी के अंदर से शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था। जिसकी स्थापना मराठा काल में हुई थी। ऐसी मान्यता है की इस मंदिर में लगातार 40 दिन तक जो भी भक्त नियमित रूप से दीपक जलाता है। उसकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होती है। इस Article के माध्यम से हम आपको एक ऐसे Bhuteshwar Mahadev Temple Saharanpur in Hindi | भूतेश्वर महादेव मंदिर के बारे में बताने जा रहे है। जहा पर रात के समय भुत भी भोले की आराधना करते है। सम्पूर्ण जानकारी जानने के लिए इस Article को अंत तक जरूर पढ़े। 

भूतेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास (Bhuteshwar Mahadev Temple History in Hindi)

22 बीघा धरती पर बना यह प्राचीन मंदिर पूर्ण रूप से सिद्धपीठ कहलाता है। वैसे तो सावन के महीने में भगवान शिव के जय कारे पुरे भारत में गूंजते है। लेकिन यहां पर सावन के महीने में श्रद्धालुयो की काफी भीड़ उमड़ती है। श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना 17वीं शताब्दी में भूगर्भ से शिवलिंग प्रकट होने पर हुई थी। उस दौरान मंदिर पर बनी नक्काशी सभी भक्तो के मन को लुभाती थी। लेकिन मंदिर के सुंदरीकरण के दौरान वह नक्काशी बिलकुल खत्म हो गई। सहारनपुर महानगर के चार शिवालयों में यह प्रमुख मंदिर है।

जब हम भूतेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे तो वहा के मुख्य पंडित अनूप शर्मा ने हमे बताया की लगभग 45 साल से इस मंदिर के कपाट रोजाना रात 10 बजे बंद कर दिए जाते है। लेकिन चौकाने वाली बात तो यह थी की एक बार सावन के महीने में लगभग रात 3 बजे मंदिर के कपाट अपने आप ही खुल गए। और मंदिर की साड़ी घंटिया बजने लगी।

मंदिर के अंदर जाकर देखा तो महादेव के शिवलिंग पर श्रृंगार हुआ था। और भोले की आरती खुद ही हो रही थी। जैसे कोई अदृश्य होकर भोले की पूजा आराधना कर रहा हो। ऐसी मान्यता है की यहां पर साक्षात देवताओं ने भगवान शंकर की आरती की थी। दूसरी और ऐसा भी कहा जाता है। इस मंदिर में रात के समय भुत भी भोले की आराधना करते है।

भूतेश्वर महादेव मंदिर की कहानी (Bhuteshwar Mahadev Temple Story in Hindi) 

पौराणिक किवदंतिया कुछ इस प्रकार से है। की इस प्राचीन मंदिर की रक्षा स्वयं महादेव और उनके रुद्रा अवतार हनुमान जी करते हैं। पौराणिकता के अनुसार कुछ ऐसा कहा गया है। की एक बार सावन के महीने में आधी रात के समय 20 फुट लम्बा एक बाबा दिखाई दिया था। जिसने सफ़ेद कपडे पहने थे। और उसकी दाढ़ी भी सफ़ेद थी।

इस दृश्य को वहा पर मौजूद काफी भक्तो ने अपनी आँखों से स्वयं देखा था। वह बाबा श्रीराम दरबार की तरफ से शिवालय की तरफ जाकर एक डीएम दृश्य हो गए। ऐसा माना जाता है की वह महादेव के रूद्रा अवतार हनुमान ही थे। कुछ ऐसी ही कथा काफी प्रचलित है इस मंदिर के बारे में, की स्वयं हनुमान जी मंदिर परिसर में भ्रमण करने के लिए आते है।

भूतेश्वर महादेव मंदिर के कपाट खुलने और बंद होने का समय (Opening and Closing timing Bhuteshwar Mahadev Temple in Hindi) 

भूतेश्वर महादेव के इस मंदिर में रोजाना 3 समय भोग लगाया जाता है। और मंदिर के कपाट 4 सुबह बजे खोले जाते है। तभी से ही भक्तो का आना जाना शुरू हो जाता है। सुबह 8 बजे महादेव को भोग लगाया जाता है। और फिर दोपहर 12 बजे भोग लगाकर मंदिर के कपाट को दोपहर 4 बजे तक के लिए बंद कर दिया जाता है। फिर 4 बजे से रात के 10 बजे तक मंदिर के कपाट को खोला जाता है।

दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आपको Bhuteshwar Mahadev Temple Saharanpur के बारे में पढ़कर आनंद आया होगा।

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