Best Places to visit in Dhanaulti in Hindi : उत्तराखंड में जब भी हिल सटेशन पर घूमने की बात आती है तो धनोल्टी का नाम सबसे पहले आता है धनोल्टी उत्तराखंड का एक छोटा सा शहर है जो मसूरी से लगभग 62 km दूर और समुद्र तल से 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सबसे ज्यादा पर्यटक धनोल्टी में घूमने के लिए तब आते है जब यहां पर भर्फबारी होती है यहां पर आकर शांति का एहसास होता है। दिल्ली, हरियाणा, और उत्तरप्रदेश के पर्यटकों की तो यहां लाइन ही लग जाती है कियोकि गर्म स्थान वाली जगह से आये हुए पर्यटक यहां पर काफी ठंडा महसूस करते है धनोल्टी अपने मंदिरों, चट्टानों और एडवेंचर से जाना जाता है।
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धनोल्टी का इतिहास (History of Dhanaulti in Hindi)
धनौल्टी में बर्फ से ढके खूबसूरत पेड़ और यहां की वादिया मानो की अपनी और खींच लेती है अगर हम इतिहास की बात करे तो सुदर्शन शाह कभी इस इलाके के राजा थे जिन्होंने अपने राजवंश की स्थापना कर टिहरी को राजधानी बना लिया था इस इलाके में 1815 से लेकर 1949 तक इन राजाओं ने ही शासन किया। स्वंतंत्रता से पहले यह टिहरी गढ़वाल क्षेत्र का ही हिस्सा था।
लेकिन स्वतंत्रता के बाद यहां के स्थानीय लोगो ने राजा के विरुद्ध में काफी आंदोलन किया और इस क्षेत्र को स्वतंत्र करा लिया बाद में धनोल्टी को टिहरी गढ़वाल से हटाकर उत्तरप्रदेश राज्य में शामिल किया। वही जब वर्ष 2000 में उत्तराखंड की स्थापना हुई तो यह उत्तरप्रदेश से हटकर उत्तराखंड में शामिल हो गया।
धनौल्टी में आपको छोटी-छोटी सड़क और उसके दोनों तरफ छोटे-छोटे से घर और कुछ होटल दिखाई देंगे इस जगह पर आपको शॉपिंग करने के लिए कोई बाजार या दुकाने नहीं मिलेगी जहा से आप अपनी जरुरत का सामान ले सके।
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धनोल्टी के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल (Best Places to Visit in Dhanaulti in Hindi)
धनोल्टी एक उत्तराखंड राज्य का छुपा हुआ खजाना है जिसको आप पास में ही आकर महसूस कर सकते है जैसे-जैसे यहां पर पर्यटकों की संख्या भड़ती चली गयी, वैसे ही यहां पर छोटे छोटे पर्यटन स्थलों को पहचान मिलती चली गयी, उसके बाद उत्तराखंड सरकार ने भी धनौल्टी में महत्वपुर्ण योगदान दिया है।
1. इको पार्क धनौल्टी (Eco-Park Places to visit in Dhanaulti in Hindi)
धनोल्टी में वन विभाग द्वारा बनाये गए दो इको पार्क है जिनका नाम “एम्बर” और “धरा” है इन दोनों पार्क में आपस की दुरी सिर्फ 200 मीटर की है। जब भी आप इको पार्क में घूमने के लिए जायेंगे तो वहा पर आपको सबसे ज्यादा देवदार और पाइंस वृक्षो के जंगल ही दिखाई देंगे, जहा पर आप फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी भी कर सकते है कभी-कभी इन पार्को में आपको समृद्ध विविधता वाले पशु और पक्षी प्रजातियां भी देखने को मिल जाती हैं।
अगर में अपनी बात करू तो, जब में पहली बार धनौल्टी में घूमने गया तो मेने वहा पर ज्यादातर प्रेमि जोड़ो को देखा जो दो प्रेमियों को स्वर्ग में होने का एहसास करवाती है यहां पर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय जो नजारा देखने को मिलता है उसे में बयां नहीं कर सकता। देवदार और ओक के पेड़ों से घिरा धनोल्टी आपकी यात्रा को बेहद यादगार बना देगा।
इको पार्क के होने से स्थानीय लोगो को भी काफी रोजगार मिला है क्योकि इको पार्क के सामने ही आपको काफी सारे मैगी और टी पॉइंट देखने को मिल जायेगे जहा पर पर्यटक घूमने के साथ-साथ खाने का भी भरपूर मजा लेते है इस इलाके में कभी भी गर्मी का एहसास नहीं होता है समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 7800 मीटर है।
इको पार्क में वन विभाग के तरफ से काफी अच्छी व्यवस्था की हुई है जैसे बच्चों के खेलने के लिए झूले, फिसलपट्टी और मैदान भी है इस पार्क में आपको पौधा रोपण के रूप में यहां की परंपरा का पालन भी करना होगा। क्योकि अधिकतर लोग अपने प्रियजनों की याद में यहां पर पौधा लगाते हैं।
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2. सुरकंडा देवी मन्दिर धनौल्टी (Surkanda Devi Temple Dhanaulti in Hindi)
अगर आप धनोल्टी में घूमने के लिए आ रहे है तो यहां की एक धार्मिक यात्रा भी जरूर करनी चाहिए, जी हां में बात कर रहा हु माँ सुरकंडा देवी की जो धनोल्टी से 6 km और चम्बा से 22 km दूर यूलिसाल गांव में स्थित है। ज्यादातर घूमने आये पर्यटक इस मंदिर में जरूर आते है देवी सती के 51 शक्तिपीठो में से एक माँ सुरकंडा देवी का यह मंदिर काफी प्रशिद्ध है इस मंदिर की चढ़ाई काफी कठिन है।
भक्तो को कद्दूखाल से 3 km की पैदल यात्रा करनी पडती है। जो भक्त पैदल नहीं चल सकते है उनके लिए वहा पर घोड़े की भी सुविधा है जिसका किराया 400 रूपये का रहता है। और पुरे रस्ते में आपको पानी नहीं की सुविधा नहीं मिलेगी रस्ते में एक या दो दुकाने मिलती है इसीलिए अगर आप यहां आते है तो पानी या कुछ खाने पिने का सामान साथ में जरूर लाये।
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब माता सती ने दक्ष के यज्ञ में कूदकर अपने प्राणो की आहुति देदी थी। तो भगवान शिव बहुत क्रोधित होते हुए सती के मृत शरीर उठाकर पुरे ब्रह्माण के चक्कर लगाने लगे। तब पश्चात भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित करा था, जिस कारन से सती के जले हुए शरीर के हिस्से पृत्वी के अलग-अलग स्थानों पर जा गिरे। इस स्थान पर माता सती का धड़ यानि सर गिरा था जिसे सुरकंडा देवी के नाम से जाना जाता है।
3. धनोल्टी एडवेंचर पार्क (Dhanaulti Adventure Park In Hindi)
यहां पर आपको काफी एडवेंचर करने के लिए मिल जायेंगे जिनमे से एक एडवेंचर पार्क भी है जहा पर आप वैली क्रॉसिंग, जिप स्विंग, स्काई वॉक, स्काई ब्रिज, जिप लाइन, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग,और रैपलिंग जैसे कई खेलों का आनंद ले सकते है।
धनोल्टी में घूमने आये पर्यटक इन एडवेंचर पर जरूर जाए और अपने इस ट्रैक को सुहावना बनाये और बर्फ से ढकी पहाड़ियों पर इन खेलो का आनद जरूर ले।
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धनोल्टी की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय (Best Time To Visit Dhanaulti In Hindi)
अगर आप अपने पार्टनर, दोस्तों या फिर फॅमिली के साथ धनोल्टी आने का प्लान बना रहे है तो सितंबर से जून का महीना आपके लिए सबसे अच्छा है लेकिन अगर आप यहां की बर्फ का मजा लेना चाहते है तो जनवरी का महीना बेस्ट है क्योकि जनवरी के समय यहां पर काफी बर्फ बारी होती है उस समय आपको यहां पर 3 फिट तक बर्फ देखने को मिलेगी।
अगर आप जनवरी या फरवरी के महीने में आने का प्लान बनाते है तो आपको अपनी गाड़ी को बहुत सावधानी से ड्राइव करना होगा क्योकि रोड पर बर्फ गिरने से बाइक, कार स्लिप बहुत होती है, मेरे कहने का साफ़ मतलब है की उस दौरान एक्सीडेंट बहुत होते है तो आप अपनी बाइक, स्कूटी, कार चलते समय ध्यान रखे।
धनोल्टी में स्थानीय भोजन (Local Food In Dhanaulti In Hindi)
वैसे तो धनोल्टी में आपको खाने पिने के सीमित ही विकल्प मिलेंगे लेकिन फिर भी आपको यहां एक अच्छी गुणवत्ता का भोजन ही मिलेगा, क्योंकि ज्यादातर सब्जिया इसी क्षेत्र में उगाई जाती है। जो बिलकुल ताज़ी होती है और जगह जगह पर आपको मैगी और आमलेट पॉइंट भी मिल जायेंगे।
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धनोल्टी में रेस्टोरेंट (Restaurants In Dhanaulti In Hindi)
अगर हम होटल्स या रेस्टोरेंट की बात करे तो आपको यहां पर हर तरीके के रेस्टोरेंट मिल जायेंगे जिनका किराया 500 से लेकर 1500 तक का हो सकता है। जब यहां पर सीज़न के समय पर्यटको की ज्यादा भीड़ हो जाती है तो इनका किराया डबल हो जाता है।
धनोल्टी कैसे पहुंचे (How To Reach Dhanaulti In Hindi)
धनोल्टी आने के लिए सबसे पहले आपको देहरादून आना होगा जो की रेल, हवाई और रोड तीनो मार्ग से जुड़ा है वैसे तो आप ऋषिकेश से चम्बा होते हुए भी धनोल्टी जा सकते है लेकिन देहरादून से मसूरी होते हुए आप धनोल्टी जाए वही एक सबसे अच्छा विकल्प है।
हवाई अड्डा मार्ग (By Air) – अगर आप हवाई जहाज से आना चाहते है तो सबसे पहले आपको देहरादून के निकट जॉली ग्रांट हवाई अड्डा आना होगा है वहा से आपको धनोल्टी के लिए डायरेक्ट टेक्सी मिल जाएगी।
रेल मार्ग (By Train) – अगर आप रेल से आना चाहते है तो सबसे पहले आपको देहरादून रेलवे स्टेशन आना होगा वहा से आपको धनोल्टी के लिए डायरेक्ट बस या टेक्सी मिल जाएगी।
सड़क मार्ग (By Road) – अगर आप बस से आना चाहते है तो सबसे पहले आपको देहरादून के बस स्टैंड आना होगा वहा से आपको धनोल्टी के लिए डायरेक्ट बस या टेक्सी मिल जाएगी।
अपनी कार (Personal Vehicle) – आप चाहे तो अपनी कार से भी धनोल्टी जा सकते है अपनी कार से आप सबसे पहले मसूरी घूमने जाए फिर वहा से धनोल्टी घूमने जाए।
दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आपको Best Places to visit in Dhanaulti in Hindi के बारे में पढ़कर अच्छा लगा होगा।
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