Mathura Vrindavan Kaise Ghume :- मथुरा और वृंदावन भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित हैं मथुरा भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली भूमि है। और वृंदावन भगवान श्रीकृष्ण की लीला स्थली के रूप में काफी प्रसिद्ध हैं। यह राधा रानी का स्थान भी है जिसमे राधा और श्रीकृष्ण के पवित्र प्रेम को देखा जाता है। ये दोनों पवित्र स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से काफी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यही वजह है की मथुरा और वृंदावन जैसे पवित्र स्थान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्थानों से भक्तों की भक्ति का केंद्र है।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है हेमंत और पब्लिक गाइड टिप्स में आपका स्वागत है दोस्तों अगर आप भी अपनी फैमिली या फिर अपने दोस्तों के साथ (Mathura Vrindavan Kaise Ghume) मथुरा और वृन्दावन में घूमने की प्लानिंग कर रहे है तो आज का यह आर्टिकल सिर्फ आपके लिए है। क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको मथुरा और वृन्दावन में घूमने के लिए 10 प्रमुख पर्यटक स्थलो की सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है। इसीलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
Table of Contents
Top 10 Tourist Places to visit in Mathura Vrindavan | मथुरा वृंदावन में घूमने के लिए 10 प्रमुख पर्यटक स्थल?
दोस्तों मथुरा भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र जन्मस्थल भूमि है। और वृन्दावन भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुडी एक पवित्र स्थल भूमि है। यह स्थान अपने धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए काफी प्रसिद्ध है। जो भक्तो को अपनी और काफी आकर्षित करते है। दोस्तों जो लोग पहली बार मथुरा वृन्दावन आना चाहते है तो उनके मन में यह सवाल जरूर आएगा की (Mathura Vrindavan Kaise Ghume) मथुरा वृन्दावन कैसे घूमे। हमने आपको यहां मथुरा वृंदावन में घूमने के लिए 10 प्रमुख पर्यटक स्थलो के बारे में बताया है जो आपकी घूमने में बहुत मदत करेंगे। ताकि आपको मथुरा और वृन्दावन की यात्रा में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो।
1. Shri Krishna Janmabhoomi Temple Mathura in HIndi | श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा?
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, जिसे मथुरा का मुख्य धार्मिक स्थल माना जाता है। यही पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान है। यह मंदिर मथुरा के दिल में स्थित है और भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है। इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है।
- मंदिर परिसर के भीतर वह स्थान है जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। यहां एक छोटी जेलनुमा संरचना है जो उनके जन्म के समय की कहानी को दर्शाती है। यह मंदिर श्रीकृष्ण को समर्पित है और यहां भव्य आरती और पूजा-अर्चना होती है।
- मंदिर परिसर में कृष्ण की जीवन लीलाओं को प्रदर्शित करने के लिए विशेष कक्ष बनाए गए हैं। ये मूर्तियां और दीवार चित्र भगवान की बाल लीलाओं और महाभारत के समय की घटनाओं को जीवंत करते हैं।
- जन्माष्टमी का त्योहार यहां विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। लाखों भक्त भगवान कृष्ण के जन्मदिन पर यहां आते हैं। इसके अलावा होली और दीपावली जैसे त्योहार भी यहां मनाए जाते हैं।
- मंदिर की सुरक्षा अत्यधिक कड़ी है, क्योंकि यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है। आधुनिक और पारंपरिक वास्तुकला का मिश्रण इसे भव्यता प्रदान करता है।
2. Yamuna River Mathura in Hindi | विश्राम घाट यमुना नदी मथुरा?
यमुना नदी मथुरा का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यह नदी भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ी हुई है और हिंदू धर्म में इसे पवित्र माना जाता है। मथुरा में यमुना नदी के तट पर कई धार्मिक स्थल और घाट स्थित हैं, जो पर्यटकों और भक्तों को आकर्षित करते हैं।
- यमुना नदी भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का गवाह रही है। गोपियों के साथ उनकी जल क्रीड़ा और कालिया नाग दमन की कथा यमुना नदी से जुड़ी है।
- यमुना नदी में स्नान को पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। भक्त यहां विशेष अवसरों पर स्नान करते हैं।
- मथुरा के घाटों पर आरती, पूजा और ध्यान का आयोजन होता है। इनमें सबसे प्रमुख घाट विष्राम घाट है, जहां भगवान कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद विश्राम किया था।
3. Banke Bihari Temple Vrindavan in Hindi | बांके बिहारी मंदिर वृन्दावन?
बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के स्वरूप “बांके बिहारी” को समर्पित है। यह मंदिर भगवान कृष्ण और उनकी लीलाओं के प्रति भक्तों की अनन्य श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है।
- “बांके” का अर्थ है “झुका हुआ” और “बिहारी” का अर्थ है “खेलने वाला”। भगवान कृष्ण की यह मूर्ति तीन स्थानों पर झुकी हुई मुद्रा में है, जो उनकी मनमोहक छवि को दर्शाती है।
- मंदिर की स्थापना 16वीं शताब्दी में संत स्वामी हरिदास ने की थी। माना जाता है कि भगवान कृष्ण और राधा ने स्वयं प्रकट होकर स्वामी हरिदास को दर्शन दिए थे।
- बांके बिहारी मंदिर में भगवान को आराम और सेवा देने की विशेष पूजा पद्धति है। यहां घंटी बजाने या शंख फूंकने की परंपरा नहीं है, ताकि भगवान को विश्राम में बाधा न पहुंचे।
4. Prem Mandir Vrindavan in Hindi | प्रेम मंदिर वृंदावन?
प्रेम मंदिर, वृंदावन का एक भव्य और आधुनिक मंदिर है, जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के दिव्य प्रेम को समर्पित है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला, प्रकाश सज्जा और आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। इसे जगद्गुरु कृपालु महाराज द्वारा बनवाया गया था और यह राधा-कृष्ण की लीलाओं को भव्यता से प्रदर्शित करता है।
- प्रेम मंदिर का निर्माण संगमरमर से किया गया है, और इसकी नक्काशी बेहद जटिल और सुंदर है। मंदिर की दीवारों पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की लीलाओं को चित्रों और मूर्तियों के रूप में दर्शाया गया है।
- इस मंदिर का निर्माण 11 वर्षों (2001-2012) में पूरा हुआ था। रात के समय मंदिर को रंगीन लाइटों से सजाया जाता है, जो इसे अद्भुत और मनमोहक बनाती हैं। यह दृश्य दूर-दूर से भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
- मुख्य गर्भगृह में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की भव्य मूर्तियां हैं। मंदिर में भगवान राम और सीता की भी मूर्तियां स्थापित हैं।
- मंदिर परिसर में खूबसूरत बगीचे, फव्वारे और राधा-कृष्ण की लीलाओं को दर्शाती झांकियां हैं। गोवर्धन पर्वत को भगवान कृष्ण द्वारा उठाने की झांकी यहां का प्रमुख आकर्षण है।
- प्रेम मंदिर में ध्यान और भक्ति के लिए एक शांतिपूर्ण वातावरण मिलता है। यहां हर शाम भजन और कीर्तन का आयोजन होता है, जो भक्तों के मन को शांति प्रदान करता है।
5. Iskcon Temple Vrindavan in Hindi | इस्कॉन मंदिर वृंदावन?
इस्कॉन मंदिर वृंदावन, जिसे श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्रीकृष्ण और बलराम को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (ISKCON) द्वारा स्थापित किया गया था और पूरे विश्व में इस्कॉन मंदिरों में से एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
- इस मंदिर की स्थापना 1975 में श्रील प्रभुपाद (ISKCON के संस्थापक) द्वारा की गई थी। यह मंदिर विशेष रूप से कृष्ण भक्तों और वैष्णव परंपरा के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- मुख्य गर्भगृह में भगवान श्रीकृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम की भव्य मूर्तियां स्थापित हैं। अन्य मूर्तियों में राधा-कृष्ण, गौरा-नित्यानंद, और श्रील प्रभुपाद की प्रतिमा भी हैं।
- इस्कॉन मंदिर अपने संकीर्तन (हरे कृष्ण महामंत्र का जाप) के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर दिन भक्तों द्वारा भव्य कीर्तन और भजन गाए जाते हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देते हैं।
- मंदिर का निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है और इसकी नक्काशी बेहद सुंदर और भव्य है। यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
- यहां प्रतिदिन हजारों भक्तों को मुफ्त प्रसाद वितरित किया जाता है। इस्कॉन के अनुयायी यहां सत्त्विक भोजन का भी आनंद ले सकते हैं।
- मंदिर के पास एक गौशाला है, जहां गायों की सेवा की जाती है। आसपास का बगीचा भक्तों के लिए एक शांत वातावरण प्रदान करता है।
6. Nidhivan Vrindavan in Hindi | निधिवन वृंदावन?
निधिवन, वृंदावन का एक पवित्र और रहस्यमयी स्थल है, जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की दिव्य लीलाओं से जुड़ा हुआ है। यह स्थान भगवान कृष्ण के रासलीला स्थलों में से एक माना जाता है और इसे विशेष रूप से भक्तों के बीच अत्यधिक श्रद्धा और सम्मान प्राप्त है।
- ऐसा माना जाता है कि निधिवन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ गोपियों की दिव्य रासलीलाओं का स्थान है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, यहां हर रात भगवान श्रीकृष्ण राधा और गोपियों के साथ रासलीला करते हैं।
- निधिवन में रात को किसी व्यक्ति को रुकने की अनुमति नहीं है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी रात के समय रासलीला देखने का प्रयास करता है, वह मानसिक रूप से अस्थिर हो जाता है या किसी अनहोनी का शिकार हो जाता है।
- निधिवन में तुलसी के पेड़ों का अनोखा समूह है। इन पेड़ों के तने और शाखाएं झुकी हुई हैं, जिन्हें राधा और कृष्ण के दिव्य प्रेम का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि रात में ये पेड़ गोपियों का रूप ले लेते हैं और रासलीला में भाग लेते हैं।
7. Shri Ladli Ji Maharaj Temple Barsana in Hindi | श्री लाड़ली जी महाराज मंदिर बरसाना?
श्री लाड़ली जी महाराज मंदिर, जिसे राधारानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, ब्रजभूमि के बरसाना गांव में स्थित एक पवित्र और प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर राधारानी को समर्पित है, जो भगवान श्रीकृष्ण की प्रियतम और प्रेम की देवी मानी जाती हैं। बरसाना को राधारानी का जन्मस्थान माना जाता है, और यह मंदिर उनकी अद्वितीय भक्ति का प्रतीक है।
- यह भारत में राधारानी को समर्पित सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। भक्त मानते हैं कि यहां दर्शन मात्र से राधारानी और श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
- बरसाना को राधारानी का ननिहाल माना जाता है। इस क्षेत्र का हर हिस्सा श्रीकृष्ण और राधारानी की लीलाओं से जुड़ा हुआ है।
- मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में नंदगांव के राजा वीर सिंह ने करवाया था। इसे ब्रज की पारंपरिक स्थापत्य शैली में बनाया गया है।
- मंदिर को एक पहाड़ी (ब्रह्मगिरी पर्वत) की चोटी पर बनाया गया है। यहां तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों की एक लंबी श्रृंखला है। मंदिर में पत्थर की सुंदर नक्काशी और आकर्षक सजावट देखने को मिलती है।
- गर्भगृह में राधारानी की दिव्य मूर्ति स्थित है, जिन्हें “लाड़ली जी” कहा जाता है। मूर्ति के साथ भगवान श्रीकृष्ण की भी मूर्ति स्थापित है। मंदिर में सुबह-शाम भव्य आरती और भजन संकीर्तन होते हैं। राधारानी के प्रति भक्तों का अद्वितीय प्रेम और श्रद्धा इस स्थान की विशेषता है।
- बरसाना की होली विश्व प्रसिद्ध है। इस दौरान नंदगांव और बरसाना के लोग होली खेलने के लिए मंदिर प्रांगण में एकत्र होते हैं। महिलाएं लाठियों से पुरुषों पर प्रहार करती हैं, जिसे “लट्ठमार होली” कहा जाता है। राधारानी के जन्मदिन को यहां विशेष उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
8. Kirti Temple Barsana in Hindi | कीर्ति मंदिर बरसाना?
कीर्ति मंदिर, बरसाना का एक पवित्र और ऐतिहासिक मंदिर है, जो राधारानी की माता कीर्तिदा मैया और उनके परिवार से संबंधित है। यह स्थान राधारानी के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है और राधा-कृष्ण के भक्तों के लिए अत्यंत महत्व रखता है।
- कीर्ति मंदिर वह स्थान है जहां देवी राधारानी का जन्म हुआ था। यह बरसाना में ब्रह्मगिरी पर्वत की तलहटी पर स्थित है और राधारानी के बाल्यकाल की लीलाओं से जुड़ा हुआ है।
- इस मंदिर में राधारानी के साथ उनकी माता कीर्तिदा और पिता वृषभानु महाराज की मूर्तियां भी स्थापित हैं। भक्त यहां माता कीर्तिदा के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं, जो राधारानी की लीलाओं की रक्षक मानी जाती हैं।
- इस मंदिर का निर्माण सैकड़ों वर्ष पूर्व हुआ था और इसे ब्रज क्षेत्र के पारंपरिक स्थापत्य शैली में बनाया गया है। मंदिर का ऐतिहासिक महत्व इसे राधा-कृष्ण भक्ति का केंद्र बनाता है।
- कीर्ति मंदिर एक साधारण लेकिन अत्यंत दिव्य संरचना है। यह सफेद और लाल रंग के पत्थरों से बना है और इसका गर्भगृह भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
- मंदिर में राधारानी की बाल स्वरूप की मूर्ति स्थित है। यहां की मूर्तियां भक्तों को राधारानी के दिव्य प्रेम और उनकी लीलाओं की याद दिलाती हैं।
- सुबह और शाम को यहां भव्य आरती और भजन गाए जाते हैं। कीर्तन का आयोजन मंदिर के दिव्य वातावरण को और भी पवित्र बनाता है।
9. Nand Mehel Nandgaon in Hindi | नन्द महल नंदगाव?
नंद महल, जिसे नंद भवन भी कहा जाता है, नंदगांव का एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है। यह भगवान श्रीकृष्ण के पालक पिता नंद बाबा और माता यशोदा का निवास स्थान माना जाता है। नंद महल भगवान कृष्ण के बाल लीलाओं से जुड़ा हुआ है और ब्रज क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
- यह वह स्थान है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन का अधिकांश बचपन बिताया। यहां भगवान ने अपने भाई बलराम और ग्वालों के साथ खेलकूद और बाल लीलाएं कीं।
- नंद महल नंद बाबा और माता यशोदा का निवास स्थल माना जाता है। भक्त इसे भगवान की बाल लीलाओं और माता यशोदा के वात्सल्य का प्रतीक मानते हैं।
- ऐसा माना जाता है कि नंदीश्वर पर्वत (जिस पर नंद महल स्थित है) भगवान शिव का अवतार है, जो श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए ब्रज में आए थे।
- नंद महल नंदगांव में नंदीश्वर पर्वत की चोटी पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को पत्थरों की बनी सीढ़ियों का उपयोग करना पड़ता है।
- नंद महल की स्थापत्य शैली प्राचीन ब्रज वास्तुकला को दर्शाती है। मंदिर में सफेद और पीले रंग के पत्थरों का उपयोग किया गया है, जो इसे भव्य और दिव्य बनाते हैं।
- मंदिर के गर्भगृह में नंद बाबा, यशोदा माता, श्रीकृष्ण और बलराम की सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं। यहां भगवान के शिशु स्वरूप के दर्शन होते हैं।
- सुबह और शाम की आरती के दौरान यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। आरती के समय भजन और कीर्तन का वातावरण भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
10. Gokul Dham Mathura in Hindi | गोकुल धाम मथुरा?
गोकुल, मथुरा जिले में स्थित एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है, जो भगवान श्रीकृष्ण के बचपन की लीलाओं का केंद्र रहा है। गोकुल का उल्लेख पुराणों और श्रीमद्भागवत में भगवान कृष्ण की शैशव और बाल लीलाओं से जुड़ा हुआ है। यह वह स्थान है, जहां नंद बाबा और यशोदा माता ने बालक कृष्ण को कंस के अत्याचारों से बचाने के लिए गोकुल में स्थानांतरित किया था।
- गोकुल धाम वह स्थान है, जहां भगवान कृष्ण ने अपने बचपन की प्रमुख लीलाएं कीं, जैसे मक्खन चोरी, गोपियों के साथ खेलना और पूतना वध। यह स्थान भगवान के बाल स्वरूप के प्रति भक्ति का केंद्र है।
- वसुदेव ने भगवान कृष्ण को कंस के भय से गोकुल में नंद बाबा के घर पहुंचाया। यहां उन्होंने अपने बचपन के दिन बिताए। गोकुल राधा-कृष्ण भक्ति, वात्सल्य और प्रेम की भावना का प्रतीक है।
How to reach Mathura Vrindavan in Hindi | मथुरा वृन्दावन कैसे पहुंचे?
दोस्तों मथुरा और वृन्दावन, उत्तर प्रदेश में स्थित, भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलो में से एक हैं। अभी तक आपने जाना की (Mathura Vrindavan Kaise Ghume) मथुरा वृन्दावन कैसे घूमे। और बात करते है की आपको मथुरा वृन्दावन घूमने के लिए यहां पर कैसे पहुंचना है। दोस्तों अगर आप अपनी फैमिली या फिर अपने दोस्तों के साथ मथुरा वृन्दावन घूमने के लिए आते है तो यहाँ तक पहुँचने के लिए आप सड़क, रेल और वायु मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। हमने आपको अच्छे से जानकारी देने के लिए नीचे सभी विकल्पो के बारे में बताया हुआ हैं।
1. How to reach Mathura Vrindavan by Rail in Hindi | रेल मार्ग से मथुरा वृन्दावन कैसे पहुंचे?
दोस्तों अगर आप रेल मार्ग के द्वारा मथुरा वृन्दावन आना चाहते है तो हम आपको बतादे की मथुरा देश के प्रमुख रेल मार्गों से जुड़ा हुआ है। आप देश के किसी भी शहर से मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पहुंच सकते है।
- नजदीकी रेलवे स्टेशन: मथुरा जंक्शन (Mathura Junction – MTJ)
- मथुरा जंक्शन पर देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, आगरा, मुंबई, जयपुर, और वाराणसी से ट्रेनें उपलब्ध हैं।
- मथुरा से वृन्दावन मात्र 11 किमी दूर है। मथुरा से वृन्दावन के लिए आप ऑटो, टैक्सी या बस ले सकते हैं।
2. How to reach Mathura Vrindavan by Road in Hindi | सड़क मार्ग से मथुरा वृन्दावन कैसे पहुंचे?
देखिये दोस्तों अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा मथुरा और वृन्दावन आना चाहते है तो हम आपको बतादे की मथुरा और वृन्दावन देश के प्रमुख सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है। आप देश के किसी भी शहर से मथुरा और वृन्दावन बस स्टैंड तक पहुंच सकते है।
- दिल्ली से दूरी: लगभग 160 किमी (यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से लगभग 3 घंटे में पहुंच सकते हैं)।
- आगरा से दूरी: लगभग 60 किमी (राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर)।
- बस सेवाएं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (UPSRTC) और प्राइवेट ऑपरेटर्स द्वारा उपलब्ध हैं।
3. How to reach Mathura Vrindavan by Air in Hindi | वायु मार्ग से मथुरा वृन्दावन कैसे पहुंचे?
दोस्तों अगर आप हवाई मार्ग के द्वारा मथुरा वृन्दावन आना चाहते है तो हम आपको बतादे की मथुरा और वृन्दावन का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा आगरा में है जो मथुरा से लगभग 60 km दूरी पर है। वहा से आप कैब, बस या शेयर टैक्सी करके मथुरा और वृन्दावन बस स्टैंड तक पहुंच सकते है।
- आगरा हवाई अड्डा (60 किमी) – यहां से टैक्सी या बस लेकर मथुरा और वृन्दावन पहुंच सकते हैं।
- दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (160 किमी) – यहां से सड़क या ट्रेन के जरिए मथुरा पहुंच सकते हैं।
4. Local Tour of Mathura and Vrindavan in Hindi | मथुरा और वृन्दावन की स्थानीय यात्रा?
दोस्तों आप रेल मार्ग. सड़क मार्ग या हवाई मार्ग का प्रयोग करके मथुरा और वृन्दावन तक तो पहुंच जाओगे। लेकिन उसके बाद भी आपके मन में एक सवाल जरूर आएगा की हम (Mathura Vrindavan Kaise Ghume) मथुरा वृन्दावन कैसे घूमे, पैदल यात्रा करके, कार बुक करके, टैक्सी करके या फिर ऑटो में। देखिये दोस्तों आपको यहां पर स्थानीय यात्रा कैसे करनी है। उसको भी आप अच्छे से जान लीजिये।
- ऑटो रिक्शा और टैक्सी: मथुरा जंक्शन या बस स्टैंड से वृन्दावन के लिए उपलब्ध हैं।
- ऑटो रिक्शा और टैक्सी: मथुरा और वृन्दावन घूमने के लिए उपलब्ध हैं।
- ई-रिक्शा और टेंपो: सस्ता और सुविधाजनक विकल्प।
- बस: उत्तर प्रदेश परिवहन की लोकल बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
5. Mathura and Vrindavan Travel Tips in Hindi | मथुरा और वृन्दावन यात्रा के टिप्स?
दोस्तों यहां पर हमने आपको (Mathura Vrindavan Kaise Ghume) मथुरा और वृन्दावन घूमने के लिए कुछ जरुरी टिप्स शेयर किये है ताकि आपको आपकी यात्रा किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो।
- मथुरा और वृन्दावन में प्रमुख मंदिरों का दर्शन सुबह जल्दी या शाम को करें, क्योंकि दिन में भीड़ अधिक हो सकती है।
- मथुरा और वृन्दावन में सभी मंदिरों के खुलने का समय सुबह 08 से दोपहर 01 बजे तक और शाम को 4 बजे से रात्रि 08 बजे तक का ही रहता है।
- यमुना आरती और विशेष त्योहारों (जैसे जन्माष्टमी, होली) के दौरान यात्रा की योजना बनाएं, लेकिन उस समय भीड़ का ध्यान रखें।
- आरामदायक कपड़े और जूते पहनें, क्योंकि यहाँ बहुत पैदल चलना पड़ता है।
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Hotels to stay in Mathura Vrindavan | मथुरा वृन्दावन में ठहरने के लिए होटल्स
दोस्तों आपको मथुरा और वृंदावन में आपकी सुविधाओं के अनुसार ठहरने के लिए कम बजट से लेकर अच्छे बजट तक के कई होटल, गेस्ट हाउस, धर्मशाला और आश्रम देखने को मिलेंगे। हमने यहां पर आपकी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार कुछ विकल्प दिए हैं।
1. होटल श्री राधा निकुंज वृंदावन, भारत
बांके बिहारी मंदिर से 2.1 किमी की दूरी पर स्थित, यह होटल कपल फ्रेंडली है और जिम जैसी सुविधाएं प्रदान करता है।
2. होटल आनंदा कृष्णा वन वृंदावन, भारत
बांके बिहारी मंदिर से 1.7 किमी की दूरी पर स्थित, इस होटल में रेस्टोरेंट की सुविधा उपलब्ध है।
3. होटल क्रिधा रेजिडेंसी वृंदावन, भारत
बांके बिहारी मंदिर से 2.6 किमी की दूरी पर स्थित, यह होटल कपल फ्रेंडली है और रेस्टोरेंट, लाउंज, योगा जैसी सुविधाएं प्रदान करता है।
4. कदंब स्पिरिचुअल स्टे वृंदावन, भारत
बांके बिहारी मंदिर से 2.6 किमी की दूरी पर स्थित, इस होटल में स्विमिंग पूल की सुविधा उपलब्ध है।
5. मधुसूदन कृपा धर्मशाला मथुरा, भारत
द्वारिकाधीश मंदिर के पास स्थित, यह धर्मशाला 2 लोगों के लिए ₹600 और 3 लोगों के लिए नॉन-एसी रूम ₹800 में उपलब्ध कराती है। एसी रूम के लिए ₹1200 शुल्क है।
6. श्री तिलकद्वार अग्रवाल धर्मशाला मथुरा, भारत
होली गेट बस स्टैंड से 0.6 किमी और रेलवे स्टेशन से 3.5 किमी दूर स्थित, इस धर्मशाला में नॉन-एसी और एसी रूम की सुविधा है।
7. होटल प्यारे मोहन मथुरा, भारत
रेलवे स्टेशन से 2 किमी की दूरी पर स्थित, इस होटल में ₹800 से ₹1000 तक के रूम उपलब्ध हैं। एसी रूम के लिए बजट थोड़ा बढ़ाना होगा।
8. होटल श्याम इन मथुरा, भारत
सूरज मार्केट में स्थित, यह होटल रेलवे स्टेशन से 4 किमी और बांके बिहारी मंदिर से 2.5 किमी दूर है। यहां एसी और नॉन-एसी रूम ₹800 से ₹1500 तक मिलते हैं।
Restaurants to eat in Mathura Vrindavan | मथुरा वृन्दावन में खाने के लिए रेस्टोरेंट
दोस्तों मथुरा और वृंदावन में विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेने के लिए कई प्रसिद्ध रेस्टोरेंट हैं। आपकी सुविधा के लिए हमने यहां पर कुछ प्रमुख रेस्टोरेंट्स की सूची बताई है।
1. गोविंदा रेस्टोरेंट वृंदावन, भारत
ISKCON मंदिर परिसर में स्थित, यह रेस्टोरेंट शुद्ध शाकाहारी व्यंजन परोसता है, जिसमें प्याज और लहसुन का उपयोग नहीं होता। यहाँ भारतीय और कॉन्टिनेंटल व्यंजनों का आनंद लिया जा सकता है।
2. MVT रेस्टोरेंट वृंदावन, भारत
MVT भक्तिवेदांत आश्रम के भीतर स्थित, यह रेस्टोरेंट शांत वातावरण और सात्विक भोजन के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ भारतीय और पश्चिमी व्यंजनों का मिश्रण उपलब्ध है।
3. 11 फ्लावर्स रूफटॉप कैफे वृंदावन, भारत
आरामदायक माहौल और वृंदावन के सुंदर दृश्य प्रस्तुत करने वाला यह कैफे भारतीय और कॉन्टिनेंटल व्यंजनों के साथ-साथ पेय पदार्थों की विविधता प्रदान करता है।
4. नमस्ते रेस्टोरेंट वृंदावन, भारत
प्रेम मंदिर के पास स्थित, यह रेस्टोरेंट ताज़े स्थानीय सामग्री से बने शाकाहारी भारतीय व्यंजन परोसता है। यहाँ साधारण दाल-रोटी से लेकर कॉन्टिनेंटल व्यंजन तक उपलब्ध हैं।
5. मुरलीवाला होटल और रेस्टोरेंट वृंदावन, भारत
पारंपरिक उत्तर भारतीय भोजन के लिए प्रसिद्ध, यह रेस्टोरेंट स्वादिष्ट थाली और अन्य उत्तर भारतीय व्यंजनों की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।
6. दासप्रकाश वृंदावन, भारत
दक्षिण भारतीय व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध, यह रेस्टोरेंट स्वादिष्ट और स्वच्छ भोजन के लिए जाना जाता है। यहाँ इडली, डोसा, उत्तपम आदि का आनंद लिया जा सकता है।
7. शंकर मिष्ठान भंडार मथुरा, भारत
मथुरा के प्रसिद्ध मिष्ठान भंडारों में से एक, यहाँ कचौरी, समोसा, लस्सी और विशेषकर पेड़े के लिए जाना जाता है।
Conclusion | निष्कर्ष
दोस्तों, (Mathura Vrindavan Kaise Ghume) मथुरा और वृंदावन भारत के सबसे पवित्र और आध्यात्मिक स्थलों में से हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं से जुड़े हुए हैं। ये स्थान न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक विरासत, भव्य मंदिरों, और आध्यात्मिक वातावरण के लिए भी प्रसिद्ध हैं। मथुरा और वृंदावन की यात्रा हर उम्र के व्यक्ति के लिए एक दिव्य और अद्भुत अनुभव है। यहां आकर जीवन में शांति, भक्ति, और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको (Mathura Vrindavan Kaise Ghume) मथुरा और वृन्दावन कैसे घूमे? और मथुरा, वृंदावन में घूमने के लिए 10 प्रमुख पर्यटक स्थलो के बारे में पढ़कर आपको आनंद आया होगा।
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