Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan Date :- गणेश चतुर्थी का त्योहार इस बार 7 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। और इस दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। गणेश चतुर्थी के दिन ही लोगों के घरों में गणपति बप्पा पधारते है। जो दस दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी के दिन, यानी इस साल यह 16 या 17 सितंबर 2024 को गणपति विसर्जन के साथ समाप्त होगा। अनंत चतुर्दशी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दौरान लोग गणेश जी की मूर्तियों को घरों और सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं, और दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन उन्हें जल में विसर्जित करते हैं।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है हेमंत और स्वागत है आपका पब्लिक गाइड टिप्स के एक और नए ब्लॉग में, आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे की गणेश चर्तुथी कब होगी, गणेश विसर्जन कब होगा, मुहूर्त कब होगा, गणेश चर्तुथी और अनंत चतुर्थी का क्या महत्व है।
Table of Contents
Ganesh Visarjan 2024 Start And End Date in Hindi (गणेश विसर्जन कब है 2024)
गणेश चतुर्थी वाले दिन लोग अपने घरो में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते है। जो की इस बार 07 सितम्बर 2024 दिन शनिवार को मनाई जाएगी। और इसी दिन भगवान गणेश के उत्सव की शुरुवात होगी। फिर भक्त लगातार 10 दिनों तक उनकी पूजा अर्चना और आरती करते है। उन्हें तरह- तरह के भोग लगाते है। और गणेश चतुर्थी 2024 विसर्जन (Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan) यानी अनंत चतुर्थी वाले दिन गणपति पप्पा का विसर्जन करते है। जो इस बार 17 सितम्बर 2024 दिन मंगलवार को है। क्योंकि अनंत चतुर्दशी वाले दिन गणपति पप्पा का विसर्जन करना बेहद शुभ माना गया हैं।
इसीलिए ज्यादातर श्रद्धालु अनंत चतुर्थी वाले दिन ही बड़े ही धूम धाम से भगवा गणेश का विसर्जन करते है। हालांकि, कुछ स्थानों पर लोग अपने घरों में स्थापित गणेश मूर्तियों का विसर्जन 1.5, 3, 5, 7, या 10 दिनों के भीतर भी कर सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर मुख्य विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन ही होता है।
गणेश विसर्जन की तारीख | गणेश विसर्जन का दिन | प्रातः मुहूर्त | अपराह्न मुहूर्त | सायाह्न मुहूर्त | रात्रि मुहूर्त | उषाकाल मुहूर्त |
7 सितंबर 2024 | पहला दिन | 01:34 PM से 05:01 PM | 06:35 PM से 08:01 PM | 09:27 PM से 01:45 AM, सितम्बर 08 | 04:37 AM से 06:03 AM, सितम्बर 08 | |
8 सितंबर 2024 | दूसरा दिन | 01:52 PM से 03:26 PM | 06:34 PM से 10:53 PM | 01:45 AM से 03:11 AM, सितम्बर 09 | 04:37 AM से 06:03 AM, सितम्बर 09 | |
9 सितंबर 2024 | तीसरा दिन | 06:03 ए एम से 07:37 AM, 09:11 AM से 10:44 AM | 01:52 PM से 06:33 PM | 06:33 PM से 07:59 PM | 10:52 PM से 12:18 AM, सितम्बर 10 | |
11 सितंबर 2024 | चौथा दिन | 10:44 AM से 12:17 PM | 03:24 PM से 06:31 PM | 07:57 PM से 12:18 AM, सितम्बर 12 | 03:11 AM से 04:38 AM, सितम्बर 12 | |
13 सितंबर 2024 | पांचवां दिन | 06:05 AM से 10:44 AM | 04:55 PM से 06:28 PM | 12:17 PM से 01:50 PM | 09:23 PM से 10:50 PM, 12:17 AM से 04:38 AM, सितम्बर 14 | |
17 सितंबर 2024 | छठा दिन | 09:11 AM से 01:47 PM | 03:19 PM से 04:51 PM | 07:51 PM से 09:19 PM | 10:47 PM से 03:12 AM, सितम्बर 18 |
Ganesh Chaturthi 2024 Ganesh Visarjan in Hindi (गणेश चतुर्दशी 2024 गणेश विसर्जन)
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर 2024 दिन सोमवार को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी। और 17 सितंबर 2024 दिन मंगलवार को दोपहर 11 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार उदयातिथि के आधार पर अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को मनाई जाएगी। और भगवान गणेश (Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan) जी का विसर्जन भी 17 सितंबर 2024 को किया जाएगा।
गणेश विसर्जन की परंपरा में, भक्त गाजे-बाजे और उत्सवमयी माहौल में गणेश जी की मूर्ति को जलाशय (जैसे नदी, तालाब, या समुद्र) में विसर्जित करते हैं। विसर्जन के समय भक्त गणेश जी से अगले वर्ष फिर आने की प्रार्थना करते हैं, जो इस लोकप्रिय मंत्र में प्रकट होता है।
“गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ!”
गणेश विसर्जन का समय स्थानीय परंपराओं और सुविधाओं के आधार पर अलग-अलग हो सकता है, लेकिन यह अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है।
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Anant Chaturthi 2024 Muhurat in Hindi (अनंत चतुर्दशी 2024 मुहूर्त)
इस साल अनंत चतुर्दशी का पर्व 16 सितंबर 2024 दिन सोमवार से शुरू होकर 17 सितंबर 2024 दिन मंगलवार को दोपहर तक मनाया जायेगा।इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ (Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan) गणपति बप्पा का विसर्जन भी होता है। आप विष्णु भगवान और गणेश भगवान की पूजा और अनंत सूत्र धारण के लिए दिन के शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं।
अनंत चतुर्दशी का पूजा मुहूर्त:
- अनंत चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 16 सितंबर 2024 दिन सोमवार को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर शुरू होगी।
- अनंत चतुर्दशी तिथि समाप्त: 17 सितंबर 2024 दिन मंगलवार को दोपहर 11 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी।
Anant Chaturthi 2024 in Ravi Yoga (रवि योग में है अनंत चतुर्दशी 2024)
गणेश चतुर्थी 2024 विसर्जन (Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan) अनंत चतुर्दशी 2024, जो कि 17 सितंबर 2024 को है, उस दिन रवि योग भी रहेगा। रवि योग को हिंदू धर्म में एक बहुत ही शुभ योग माना जाता है, जिसमें किसी भी प्रकार के शुभ कार्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
रवि योग का समय (16 सितंबर 2024)
- प्रारंभ: सुबह 06:09 बजे से
- समाप्त: रात 08:03 बजे तक
इस दिन, अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान विष्णु और गणपति विसर्जन से जुड़े सभी कार्य इस शुभ रवि योग में किए जा सकते हैं, जिससे आध्यात्मिक और धार्मिक लाभों की प्राप्ति होती है।
Importance of Ganesh Chaturthi (गणेश चतुर्थी का महत्व)
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan) हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व का धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। इसे खासतौर पर भगवान गणेश के भक्त पूरे भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। गणेश चतुर्थी का महत्व कई रूपों में देखा जा सकता है।
1. भगवान गणेश का पूजन
गणेश चतुर्थी का मुख्य उद्देश्य भगवान गणेश की पूजा करना है, जिन्हें विघ्नहर्ता (विघ्नों को दूर करने वाले) और बुद्धि, समृद्धि, और सौभाग्य के देवता माना जाता है। भक्त भगवान गणेश की आराधना करते हैं ताकि वे उनके जीवन से सभी बाधाओं को दूर करें और उन्हें सफलता और खुशहाली प्रदान करें।
2. नया आरंभ
भगवान गणेश को प्रथम पूज्य कहा जाता है, यानी किसी भी शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पहले उनकी पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी का पर्व नए आरंभ और जीवन में सकारात्मकता लाने का प्रतीक है। इस दिन नई चीजें शुरू करना, जैसे व्यापार, घर, या कोई नया प्रोजेक्ट, बहुत शुभ माना जाता है।
3. बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास
गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान के देवता माना जाता है। उनकी पूजा से व्यक्ति का बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास होता है। गणेश चतुर्थी के दौरान, भक्त गणपति से शिक्षा, ज्ञान और विवेक की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं।
4. सामाजिक और सांस्कृतिक एकता
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan) सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। विशेष रूप से महाराष्ट्र में, इस पर्व को सामूहिक रूप से बड़े मंडपों में मनाया जाता है, जहां लोग एकत्रित होकर गणेश जी की पूजा करते हैं, जिससे समाज में एकता और सामूहिकता की भावना मजबूत होती है।
5. धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान
गणेश चतुर्थी के दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान और विधियां संपन्न होती हैं, जैसे गणपति की मूर्ति की स्थापना, पूजा, आरती, भजन और अंत में विसर्जन। इस पर्व के माध्यम से व्यक्ति अपने आध्यात्मिक पथ पर चलने का संकल्प लेता है।
6. विसर्जन का महत्व
गणेश चतुर्थी का अंत गणेश विसर्जन (Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan) के साथ होता है, जिसमें भगवान गणेश की मूर्ति को जल में विसर्जित किया जाता है। यह अनुष्ठान जीवन के अस्थायी स्वभाव का प्रतीक है, जिससे व्यक्ति को यह संदेश मिलता है कि हर चीज़ क्षणिक है और हमें जीवन में मोह से दूर रहना चाहिए।
7. भक्ति और श्रद्धा
गणेश चतुर्थी भक्तों के लिए अपनी भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त करने का एक महान अवसर है। इस दिन भक्त भगवान गणेश के प्रति अपने समर्पण का प्रदर्शन करते हैं और उनसे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की कामना करते हैं।
इस प्रकार, गणेश चतुर्थी का महत्व धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करता है। यह त्योहार व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का संचार करता है।
दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आपको गणेश चतुर्थी 2024 विसर्जन (Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan) की पूरी जानकारी के बारे में पढ़कर आनंद आया होगा।
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