Haridwar Kawad Yatra 2024 In Hind:- हरिद्वार कावड़ यात्रा 2024 सोमवार, 22 जुलाई 2024 से शुरू होगी और शुक्रवार, 2 अगस्त 2024 को सावन शिवरात्रि पर समाप्त होगी। इस यात्रा में कावड़िये अपनी कावड़ में पवित्र गंगा जल को भरकर हरिद्वार से लेकर भगवान शिव के विभिन्न मंदिरों में अर्पित करने के लिए पैदल यात्रा करते हैं। यह यात्रा श्रावण (सावन) के महीने में होती है, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार जुलाई-अगस्त में आता है। इस दौरान हरिद्वार और अन्य शहरों की सड़कें भगवा वस्त्र पहने हुए श्रद्धालुओं (कावड़ियों) से भर जाती हैं, कावड़िये “बोल बम”, “हर हर महादेव” और अन्य धार्मिक नारे लगाते हुए अपनी यात्रा पूरी करते हैं।
कावड़ यात्रा (Haridwar Kawad Yatra 2024) के मार्ग में आने वाले शहरों में यातायात नियंत्रण के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं। दिल्ली से हरिद्वार, ऋषिकेश, और देहरादून जाने वाले मार्गों पर यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा जाता है। ताकि कावड़ियों को अपनी यात्रा में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो। कावड़ यात्रा की पवित्रता और अनुशासन बनाए रखने के लिए विशेष नियम और निर्देश लागू करने होते हैं।
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Haridwar Kawad Mela 2024 | हरिद्वार कावड़ मेला 2024
हरिद्वार में कावड़ मेला 2024 (Haridwar Kawad Yatra 2024) की तैयारी पूरी जोर-शोर से चल रही है। हरिद्वार कावड़ मेला 2024 सोमवार, 22 जुलाई से शुरू होकर शुक्रवार, 2 अगस्त तक चलेगा। यह कावड़ मेला सावन के पवित्र महीने में ही शुरू होता है। जिसमे लाखो करोडो शिव भक्त यानी कावड़िये गंगा जल भरने के लिए हरिद्वार पहुंचते है।
कावड़ मेला का महत्व और गतिविधियाँ
- कावड़ यात्रा का मार्ग: हरिद्वार से कांवड़िये पवित्र गंगा जल भरते हैं और इसे कंधे पर रखकर अपने-अपने क्षेत्रों के शिव मंदिरों में अर्पित करने के लिए पैदल यात्रा करते हैं। यह यात्रा सामान्यत: हरिद्वार, ऋषिकेश, और नीलकंठ जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाती है।
- प्रमुख तिथियाँ:
- कावड़ मेला शुरू: 22 जुलाई 2024
- कावड़ मेला समाप्त: 2 अगस्त 2024
- सावन शिवरात्रि: 2 अगस्त 2024
- यातायात और सुरक्षा व्यवस्थाएँ:
- दिल्ली से हरिद्वार और देहरादून जाने वाले मार्गों पर यातायात को व्यवस्थित करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
- ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा जा सकता है।
- पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तैनात रहेंगे।
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हरिद्वार कावड़ यात्रा की पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ
कावड़ यात्रा की पौराणिक कथा समुद्र मंथन से जुड़ी है, जिसमें भगवान शिव ने अपनी कंठ में विषपान को धारण किया था और उनके गले में हो रही जलन को शांत करने के लिए सभी देवताओं ने उनके शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित किया था। इस मान्यता के अनुसार, तब से लेकर आज तक शिव भक्त हरिद्वार से गंगा जल भरकर भगवान शिव को अर्पित करते है और उनकी आराधना भी करते हैं।
कावड़ मेला में यात्री और श्रद्धालु
हरिद्वार कावड़ मेले (Haridwar Kawad Yatra 2024) में हर साल लाखों-करोडो श्रद्धालु भाग लेते हैं, जिनमें पुरुष, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी शामिल होते हैं। यह यात्रा सावन के महीने में शुरू होती है। श्रावण मॉस के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का विशेष फल मिलता है।
Haridwar Kawad Yatra 2024 Start Date (हरिद्वार कांवड़ यात्रा 2024 कब से शुरू होगी)
हरिद्वार कावड़ यात्रा 2024 (Haridwar Kawad Yatra 2024) सोमवार, 22 जुलाई 2024 से शुरू होगी और शुक्रवार, 2 अगस्त 2024 को सावन शिवरात्रि पर समाप्त होगी। इस यात्रा में कावड़िये अपनी कावड़ में पवित्र गंगा जल को भरकर हरिद्वार से लेकर भगवान शिव के विभिन्न मंदिरों में अर्पित करने के लिए पैदल यात्रा करते हैं। हर साल की तरह इस बार भी शिव भक्त हरिद्वार कावड़ यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बार कावड़ यात्रा में उत्तराखंड सरकार का ऐसा अनुमान है की करोडो शिव भक्त गंगा जल लेने के लिए हरिद्वार पहुचेंगे।
Haridwar Kawad Yatra 2024 हरिद्वार कावड़ यात्रा में जल भरने की महत्वपूर्ण तिथियाँ
- 22 जुलाई 2024 (सोमवार): सावन मास का पहला दिन और पहला सोमवार, जब भक्त गंगा नदी से जल भरना शुरू करेंगे।
- 29 जुलाई 2024 (सोमवार): सावन का दूसरा सोमवार।
- 05 अगस्त 2024 (सोमवार): सावन का तीसरा सोमवार।
- 12 अगस्त 2024 (सोमवार): सावन का चौथा सोमवार।
- 19 अगस्त 2024 (सोमवार): सावन का पांचवा सोमवार, सावन मास की समाप्ति भी इसी दिन होगी।
- 02 अगस्त 2024 (शुक्रवार): सावन शिवरात्रि जल अभिषेक।
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Haridwar Kawad Yatra 2024 (हरिद्वार कांवड़ यात्रा के नियम)
सावन के महीने में भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करे
सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महीने में कुछ विशेष पूजा और अनुष्ठान करने से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है। यहां कुछ उपाय और विधियाँ दी गई हैं।
1. शिवलिंग का जलाभिषेक
भगवान शिव को जल अर्पित करना सबसे महत्वपूर्ण पूजा विधि मानी जाती है। आप गंगा जल, दूध, शहद, दही, और घी का उपयोग करके शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं। यह उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।
2. बेलपत्र अर्पित करें
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। बेलपत्र को साफ करके शिवलिंग पर त्रिपत्र (तीन पत्ते) रूप में चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र में कोई छेद या दोष न हो।
3. महामृत्युंजय मंत्र का जाप
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भगवान शिव को प्रसन्न करने का अत्यधिक प्रभावी तरीका है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से आरोग्य और लंबी आयु प्राप्त होती है।
4. शिव पुराण का पाठ
सावन के महीने में शिव पुराण का पाठ करना और सुनना बहुत ही फलदायक होता है। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
5. व्रत रखना
सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखना और भगवान शिव की पूजा करना विशेष रूप से फलदायक माना जाता है। इस दिन निर्जला व्रत रखा जा सकता है और संध्या को शिव मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए।
6. भस्म का तिलक
भगवान शिव को भस्म प्रिय है। उनकी कृपा पाने के लिए आप अपने माथे पर भस्म का तिलक लगा सकते हैं।
7. शिव तांडव स्तोत्र का पाठ
शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना भी भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक प्रभावी उपाय है। यह स्तोत्र भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है और इसे पढ़ने से अनेक लाभ होते हैं।
8. शिवरात्रि पर विशेष पूजा
सावन की शिवरात्रि (इस साल 2 अगस्त 2024 को) पर विशेष पूजा और रात्रि जागरण करना चाहिए। इस दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
9. रुद्राक्ष धारण करना
भगवान शिव को रुद्राक्ष अत्यधिक प्रिय है। सावन के महीने में रुद्राक्ष की माला धारण करने से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
10. भजन और कीर्तन
भगवान शिव के भजन और कीर्तन करने से भी उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस महीने में शिव भजनों का आयोजन करके भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।
इन उपायों को अपनाकर सावन के महीने में भगवान शिव की कृपा प्राप्त की जा सकती है। यह सभी उपाय सरल और प्रभावी हैं, जिन्हें आप अपने दैनिक जीवन में आसानी से शामिल कर सकते हैं।
इन तिथियों पर (Haridwar Kawad Yatra 2024) यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। कांवरियों के लिए सुरक्षा, पानी, चिकित्सा सुविधाएं, और यातायात व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाता है।
नोट: उपरोक्त तिथियां और समय स्थान और पंचांग के अनुसार परिवर्तित हो सकते हैं। यात्रा की सटीक तिथियों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए स्थानीय प्रशासन या आधिकारिक सूचनाओं को देखना उचित होगा।
दोस्तों हम उम्मीद करते है कि आपको (Haridwar Kawad Yatra 2024) हरिद्वार कावड़ यात्रा 2024 की पूरी जानकारी के बारे में पढ़कर आनंद आया होगा।
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