Best Places To Visit in Vaishno Devi Mandir in Hindi : “जय माता दी” माता वैष्णो देवी का भवन तीन शक्ति को समर्पित एक पवित्र हिन्दू मंदिर है। जम्मू कश्मीर राज्य के कटरा शहर से लगभग 15 km दूर त्रिकुटा पर्वत पर स्थित यह मंदिर भारत के सबसे प्रशिद्ध मंदिरो में से एक है। हर साल लाखो करोडो की संख्या में श्रद्धालु माता वैष्णों देवी का आशीर्वाद लेने के लिए जम्मू आते है। आपको बता दे की माता वैष्णो देवी मंदिर एक धार्मिक ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है। ज्यादातर श्रद्धालु लगभग 14 km तक पैदल अपनी इस यात्रा को पूरा करते है। वैसे तो यह एक हिन्दू धर्म की धार्मिक यात्रा है। लेकिन कुछ पर्यटक इसे एक हॉलिडे ट्रिप की तरह भी देखते हैं। जिसकी वजह से माता वैष्णो देवी के मंदिर को जम्मू के पर्यटन स्थल रूप में भी जाना जाता है।
अगर इस बार आप भी अपनी फैमली या फिर अपने फ्रेंड्स के साथ माता वैष्णो की यात्रा पर जाने का प्लान कर रहें हैं। और वैष्णो देवी के दर्शन के बाद अगर आप आसपास में भी घूमना चाहते हैं। तो हमारे हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े, जिसमे हमने माता वैष्णो देवी मंदिर के आसपास घूमने की सबसे अच्छी जगहो के बारे में बताया है।
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Vaishno Devi Temple History in Hindi (वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास )
हिन्दू धर्म में वैसे तो माता वैष्णो देवी की काफी कथाये लिखी हुई है। लेकिन उन्ही में से एक कथा बहुत ज्यादा प्रचलित और प्रशिद्ध है। आज हम उसी कथा के बारे में बात करेंगे। जम्मू कटरा से कुछ ही दूर हंसाली गांव में स्थित श्रीधर नाम का एक पंडित रहता था। जो की माता वैष्णो देवी का बहुत बड़ा परम भक्त था। उनका सपना था, कि वह एक दिन अपने घर माता रानी के नाम का भंडारा करे और उस पर सभी गांव वासियो को न्योता दे। लेकिन गरीब होने के कारन वह इस कार्य नहीं कर पा रहा था। फिर एक बार की बात है जब नवरात्रो के समय पंडित श्रीधर ने 9 छोटी कन्याओं को अपने घर जीमने के लिए बुलाया। उनमे से एक कन्या माता वैष्णवी थी। जीमने के बाद सभी कन्या अपने घर वापस चली गयी। लेकिन वैष्णवी वही पर रुक गयी। और पंडित श्रीधर से बोली की सभी गांव वासियो को अपने घर भंडारे के लिए निमंत्रण दे आयो।
पंडित कन्या की बात को मानते हुए सभी गांव वालो को और साथ में भैरव नाथ और उसके शिष्यों को भी अपने घर भंडारे का निमंत्रण दे आता है। लेकिन कुछ ही दिन बाद भंडारे का समय नजदीक आ गया और पंडित श्रीधर भंडारे का सामान भी नहीं जुटा सका था। सभी गांव वाले और भैरवनाथ पंडित श्रीधर के घर पहुंच गए। पंडित श्रीधर माँ वैष्णवी की पूजा करते हुए अपनी लाज की प्राथना कर रहा था। तभी माँ वैष्णवी एक कन्या के रूप में वहा आती है। और सभी गांव वालो को भोजन कराती है। लेकिन भैरवनाथ उस कन्या से खीर पूड़ी की जगह मॉस मदिरा की मांग करता है। कन्या कहती है भैरव ये एक भ्रह्माण का घर है यहां पर शुद भोजन ही मिलेगा।
भैरवनाथ अपनी जींद पर अटल रहता है और उस कन्या को पकड़ने की कोशिश करता है। तभी वैष्णवी वहा से त्रिकुटा पर्वत की और चल उड़ती है। भैरवनाथ भी उस कन्या का पीछा करते हुए चला जाता है। वहा हनुमान जी माता की रक्षा करने के लिए आते है। हनुमान जी को प्यास लगने पर माँ वैष्णो ने अपने धनुस से एक बाण चलाकर गंगा जी की पवित्र धारा को निकाला था। तब जाकर हनुमान जी ने जल ग्रहण किया।
माता वैष्णो देवी मंदिर की पूरी जानकारी जानने के लिए इस लेख को भी जरूर पढ़े – वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास और महिमा
Vaishno Devi Mandir Ke Aaspaas Ghumne Ki Jagahen in Hindi (वैष्णो माता मंदिर के नजदीकी पर्यटक स्थल)
देखिये जब भी हम अपने परिवार या फिर अपने दोस्तों के साथ किसी धार्मिक या किसी पर्यटन स्थल पर घूमने के लिए जाते है। तो अक्सर यही बात सोचते है कि हम जिस जगह पर घूमने के लिए जा रहे है। उसके आसपास की सभी अच्छी जगहें घूमकर ही वापिस आयें। क्योंकि जीवन की इस दौड़ भाग में ऐसा बहुत कम होता है। कि हम उस जगह पर दोबारा घूमने कब जा पायें। इसीलिये अगर आपको भी माता वैष्णो देवी की यात्रा पर जाने से पहले वहा के आसपास घूमने की सभी जगहें के बारे में जरूर जान लेना चाहिए।
1. Ban Ganga River in Hindi (बाण गंगा नदी)
जब भी आप माता वैष्णो देवी की तीर्थ यात्रा जाते है तो वहा के सबसे पहले पड़ाव में बाणगंगा ही आती है जिसे बालगंगा के नाम से भी जाना जाता है। यात्रा पर जाने वाले अधितकर सभी श्रद्धालु इस गंगा में स्नान करते है।जिससे उनकी सारी थकावट दूर हो जाती है। और उनका तन मन एकदम पवित्र हो जाता है, उसके बाद ही श्रद्धालु अपनी यात्रा को शुरू करते है।
इस पवित्र नदी का नाम बाण और गंगा इन दोनो शब्दों से मिलकर बना है। भवानी द्वार बाणगंगा चेक पोस्ट से लगभग 2 km चलने के बाद आती है बाणगंगा, यहा पर यात्रियों के स्नान करने के लिए दो घाट बने हुए है पहले घाट पर यात्रियों की सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। कियोकि दूसरा घाट थोड़ा आगे चलकर आता है। और पहले की तुलना में दूसरा घाट बड़ा और खुला है। वैसे तो अधिकतर सभी श्रद्धालु इस पवित्र नदी में स्नान करके ही अपनी यात्रा को शुरू करते है। लेकिन आज कल ज़माने की बदलती रफ़्तार में कुछ श्रद्धालु तो बिना स्नान किये ही अपनी यात्रा पर निकल जाते है। बाणगंगा में एक छोटी मार्किट भी है जहा पर आपको खाने पिने, प्रशाद, बॉडी मसाज, फोटग्राफी और शॉपिंग करने से लेकर सभी तरह की दुकाने देखने को मिलेगी।
बाणगंगा मंदिर की पूरी जानकारी जानने के लिए इस लेख को भी जरूर पढ़े – माता वैष्णो देवी बाणगंगा की सम्पूर्ण कथा
2. Charan Paduka Temple In Hindi (चरण पादुका मंदिर)
कटरा में लगभग 1050 mtr की ऊंचाई और बाणगंगा से 1.5 km दूर वैष्णो देवी की यात्रा के दूसरे पड़ाव में आपको चरण पादुका मंदिर देखने को मिलेगा। इस जगह पर माता वैष्णो देवी ने अपने चरणों को रोक कर पीछे मुड़कर भैरवनाथ को देखा था। कहते है की आज भी एक पत्थर के ऊपर माता के पेरो के चिन्ह बने हुए है। जिस वजह से इस स्थान को चरण पादुका के नाम से जाना गया। यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालु इस मंदिर में अपना सर झुकाते है। और अपनी सफल यात्रा की मन्नत मांगते है।
इस मंदिर में मुख्य के गर्भ ग्रह अंदर ब्रास से देवी की एक विशाल प्रतिमा विराजमान है। ठीक उस प्रतिमा के नीचे पत्थर की उस चट्टान को भी रखा गया है। जिसमे माता के पेरो के चिन्ह के निशान बने हुए है। बाकि मंदिर में बहुत सारे भगवान की प्रतिमा स्थापित की गयी है। जिनको राजस्थान से बनवाकर मंगवाया गया था। चरण पादुका के पुरे रास्ते में काफी सारी दुकाने देखने को मिलेगी जहा पर खाने पिने से लेकर सभी तरह का सामान मिल जाता है। इसीलिए आप जब भी माता वैष्णो देवी आये तो चरण पादुका भी जरूर जाए।
चरण पादुका मंदिर की पूरी जानकारी जानने के लिए इस लेख को भी जरूर पढ़े – चरण पादुका में रुकी थी माता वैष्णो देवी
3. Geeta Mandir in Hindi (गीता मंदिर)
देखिये गीता मंदिर का इतिहास कोई ज्यादा पुराण नहीं है लेकिन फिर भी माता वैष्णो देवी की यात्रा में पड़ने वाला प्रसिद्ध मंदिर है। जो की बाणगंगा से कुछ ही दुरी पर स्थित है इस मंदिर के अंदर आपको काफी सुंदर प्रतिमा देखने को मिलेगी। जिनको स्पेशल राजस्थान से बनवाकर मंगवाया गया था। इसीलिए यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला का दावा करता है। अक्सर वैष्णो देवी की यात्रा में जाने वाले सभी श्रद्धालु इस मंदिर में रुख कर कुछ देर आराम भी करते है। इस मंदिर को ध्यान मंदिर भी कहते है।
4. Ardhkuwari Gufa in Hindi (अर्धकुवारी गुफ़ा)
माता वैष्णो देवी के भवानी द्वार से अर्द्धकुंवारी गुफा की दुरी लगभग 8 km की है। और अर्द्धकुंवारी से माता वैष्णो देवी के भवन की दुरी लगभग 6.5 km की रह जाती है। अर्धकुंवारी शब्द का अर्थ आदि कुंवारी से मिलकर बना है। अर्थात जब माता वैष्णवी ने एक छोटी कन्या का रूप धारण किया था और पंडित श्रीधर द्वारा आयोजित भंडारे में भैरवनाथ को देख कर वहा से त्रिकुटा पर्वत की तरफ गायब हो गई थी।
और पुरे 9 महीनो तक गर्भ के आकार की तरह बनी उस गुफा में तपस्या की थी। यही कारन है की इस गुफा को गर्भजून गुफा या फिर अर्ध कुंवारी गुफा के नाम से जाना जाता है। गर्भ शब्द एक योनि शब्द से आया है इस गुफा की ऐसी मान्यता है। की जो भी भक्त इसके अंदर से निकल जाता है यानी की एक तरह से माँ के गर्भ से निकल जाता है। और एक छोटे बच्चे की तरह बिलकुल निर्दोष और अपने सरे पापो से मुक्त हो जाता है।
अर्द्धकुवारी गुफा की पूरी जानकारी जानने के लिए इस लेख को भी जरूर पढ़े – गर्भजून गुफा माता वैष्णो देवी की सम्पूर्ण जानकारी
5. Bhairavnath Temple in Hindi (भैरवनाथ मंदिर)
भैरव नाथ का मंदिर माता वैष्णो देवी से लगभग 2 km दूर एक भैरव घाटी पर स्थित है। माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं को भैरव बाबा के दर्शन भी जरुरी करने होते है। उसके बाद ही माता को प्रशाद लगता है। यानी की भैरव बाबा को प्रशाद चढाने के बाद ही माता के दरबार की हाजरी पूरी लगती है। क्योंकि हिन्दू पुराण के अनुसार जब माता वैष्णवी ने भैरवनाथ का सर धड़ से अलग कर दिया था। तो भैरव ने माता से शमा याचना की थी। तब जाकर माता वैष्णवी ने भैरव को वचन दिया की मेरी पूजा के बाद भक्त तेरी पूजा भी करेंगे तभी मेरी पूजा सम्पन होंगी। यही वजह है की श्रद्धालु आज भी इस प्रथा को मानते आ रहे है।
भैरव नाथ के मंदिर जाने के लिए श्रद्धालुओं के पास दो ऑप्शन है। पहला ये की श्रद्धालु माता के भवन से भैरव बाबा तक पैदल यात्रा करके जाये और दूसरा ऑप्शन ये है। की माता के भवन से भैरव बाबा तक लिफ्ट (रोपवे) की सुविधा उपलब्ध है। जिसका आने और जाने का किराया मात्र 100 रूपये का है। और इस रोपवे में एक साथ 45 से 50 श्रद्धालु जा सकते है। जिसे पहुंचने में लगभग 10 से 12 मिनट का समय लगता है। इस पुरे ट्रैक में दो रोपवे लगे हुए है। एक समय में एक रोपवे माता के भवन से भैरव बाबा तक और दूसरा रोपवे भैरव बाबा से माता के भवन तक चलता है।
6. Shiv Gufa in Hindi (शिव गुफा)
शिव गुफा माता वैष्णो देवी भवन के बिलकुल नजदीक में ही स्थित है। यह एक प्राकृतिक गुफा है। जिसमे प्राकृतिक जल की धरा निरंतर बहती रहती है। बाद में इस गुफा के अंदर एक शिवलिंग की स्थापना की गयी थी। शास्त्रानुसार जहा पर शक्ति होती है। वहा पर भगवान शिव का निवास जरूर होता है। पहले इस गुफा की जानकारी वहा के स्थानीय लोगो को ही थी। लेकिन श्राइन बोर्ड ट्रस्ट में आने के बाद इस गुफा प्रचार काफी तेजी से हुआ। माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु 99 सीडिया नीचे उतरकर शिव गुफा में दर्शन करने के लिए जाते है।
7. Trikuta Parvat In Hindi (त्रिकुटा पर्वत)
जम्मू कश्मीर के कटरा में स्थित त्रिकुटा पर्वत हिन्दुओं का एक बहुत ही पवित्र स्थान और पर्यटन स्थल है। इसी पर्वत पर बाणगंगा, गीता भवन, चरण पादुका, अर्द्धकुवारी गुफा, माता वैष्णो देवी मंदिर, भैरवनाथ मंदिर, शिव गुफा, स्थित है। माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालयो के लिए त्रिकुटा पर्वत एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। त्रिकुटा पर्वत पर एक त्रिकुटाचल महादेव का मंदिर भी है। जो की भगवान शिव और देवी त्रिशूली को समर्पित है। इसीलिए इस पर्वत को त्रिकूटाचल के नाम से भी जाना जाता है। हर साल लाखो श्रद्धालु माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आते है। आपको बतादे देवघर से दुमका के रास्ते इसकी दुरी मात्र 10 km की है। त्रिकुटा पर्वत धार्मिक, पर्यटन और पिकनिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
8. Patnitop in Hindi (पटनीटॉप)
देखिये ज्यादातर श्रद्धालु त्रिकुटा पर्वत पर स्थित माता वैष्णो देवी या वहा के और धार्मिक स्थल घूम लेते है। लेकिन कुछ स्थान ऐसे भी होते है जिनका श्रद्धुलो को पता ही नहीं लगता। कटरा से 80 km की दूर हिमालय की गोद में बसा पटनीटॉप एक प्राकृतिक बैकुंठ है। वहा की प्राकृतिक सुंदरता, घने देवदार के जंगल, बर्फीली चोटिया और फलते-फूलते हरे-भरे दृश्य पर्यटको को अपनी और खींचती है। सर्दियों के मौसम में तो यहाँ पर बर्फ के साथ खेल भी सकते है। उसके आलावा यहा पर आप पैराग्लाइडिंग, स्कीइंग, पैरासिलिंग जैसे काफी गेम्स का लुफ्त भी उठा सकते है। तो अगर आप भी कटरा के आसपास घूमने का प्लान बनाते है तो अपनी यात्रा के दौरान पटनीटॉप भी घूमने जरूर जाए।
9. Jhajjar Kotli in Hindi (झज्जर कोटली)
कटरा की बेहद खूबसूरत जगहों में से एक है झज्जर कोटली, यह जगह अपने शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जनि जाती है। माता वैष्णो देवी के नजदीकी पर्यटक स्थलों में शामिल झज्जर कोटली कटरा की प्रसिद्ध जगह हैं। अगर आप माता वैष्णो देवी की यात्रा के बाद अपनी थकान को दूर करना चाहते है तो आपके झज्जर कोटली एक परफेक्ट हिल डेस्टिनेशन है। यह जगह कैम्पिंग के लिए भी बहुत ज्यादा फेमस है। एक तरह से हम इसे फेमस पिकनिक स्पॉट भी कह सकते है। जहा पर जाकर आप फुल एन्जॉय कर सकते है।
10. Shiv Khori Gufa in Hindi (शिव खोड़ी गुफा)
जम्मू से लगभग 130 km दूर और कटरा से लगभग 90 km की दुरी पर स्थित शिव खोड़ी गुफा। जो की अपने आप में ही अध्बुध चमत्कारी और रहस्यों से घिरी हुई है। माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले बहुत कम श्रद्धालु ऐसे होते है जो शिव खोड़ी गुफा के दर्शन करने के लिए जाते है। इस गुफा से दो रास्ते आगे की और निकलते है एक रास्ता सीधा अमरनाथ गुफा के लिए निकलता है और दूसरा रास्ता स्वर्ग की सीढ़ियों की तरफ जाता है।
हिन्दू पुराण के अनुसार भस्मासुर ने भगवान शिव की कठोर तपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया था। और वरदान में उन्होंने किसी के भी सर पर हाथ रख ते ही भस्म कर देने वाला वर माँगा। लेकिन भोले शंकर ने भस्मासुर को कहा की मेरे इस वरदान का तुम लगो पर अत्याचार मत करना। परन्तु भस्मासुर ने लोगो पर अत्याचार करने शुरू कर दिए और सबको भस्म करने लगा। पृत्वी पर इतना अत्याचार देख कर भगवान शिव भस्मासुर को समझाने के लिए आये लेकिन पहुंचे लेकिन भस्मासुर, भगवान शिव को ही भस्म करने के लिए उनके पीछे दौड़ पड़ा। तब जाकर भगवान शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए अपने परिवार के साथ इस गुफा में शरण ली थी।
शिव खड़ी गुफा की और अधिक जानकारी के लिए आप हमारे इन आर्टिकल को भी जरूर पढ़े – शिव खोड़ी गुफा में जाकर वहा से कोई वापस नहीं लोटता
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आपको माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा के दौरान (Best Places To Visit in Vaishno Devi Mandir) घूमने के लिए कुछ अन्य पर्यटक स्थलों के बारे में बताया है। हम उम्मीद करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। आपको केसा लगा हमे कमेंट्स में जरूर बतायें।
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