12 Jyotirilinga Yatra on a Cycle | साइकिल से तय किया 12 ज्योत्रिलिंगो का सफर

12 Jyotirilinga Yatra on a Cycle: दोस्तों आपने महादेव के भक्त तो बहुत देखे होंगे लेकिन क्या कभी आपने ऐसा सुना है। की एक शिव भक्त ने करीब 6 महीनो के अंदर करीब 13000 km साइकिल चलाकर भारत में स्थित 12 ज्योत्रिलिंग मंदिर की यात्रा की है। जी हां आपने बिलकुल सही सुना है, दिल्ली के रहने वाले कमल गोला शिव भक्त ने अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए इस यात्रा को साइकिल चलाकर पूरा किया है। आज के इस लेख में हम आपको कमल गोला शिव भक्त के बारे में बताने जा रहे है तो चलिए बिना किसी देरी के इस लेख को शुरू करते है।

12 Jyotirilinga Yatra on a Cycle | साइकिल से तय किया 12 ज्योत्रिलिंगो का सफर
12 Jyotirilinga Yatra on a Cycle

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कमल गोला जी सभी शिव भक्तो को वितरण करना चाहते है गंगा जल

दोस्तों जैसा की आप सभी को पता है की सावन का महीना 25 July 2021 से शुरू हुआ था और 06 August 2021 को महाशिवरात्रि थी जिस दिन भगवान् शिव का गंगा जल से अभिषेक किया जाता है। वैसे तो सावन के पुरे महीने भगवान शिव को जल अर्पित किया जाता है इस साल 22 August 2021 को सावन का अंतिम दिन है। वही कमल गोला जी कहना है की 12 ज्योत्रिलिंगो की यात्रा करने के बाद वह दिल्ली से साइकिल पर सवार होकर लखनऊ में स्थित गोमती नदी के दर्शन के लिए निकले थे और अभी यानी आज 20 August 2021 को वह हरिद्वार से जल लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए है उनका कहना है की वह 21 August 2021 को दिल्ली अपने निवास स्थान राणा प्रताप बाग़ पहुंच जायेंगे। कमल गोला जी चाहते है की 12 ज्योत्रिलिंगो यात्रा करने के बाद जो गंगा जल वो हरिद्वार से लाये है उस जल को सभी शिव भक्तो को वितरण किया जाये ताकि सावन के अंतिम दिन यानी 22 August 2021 को भगवान् शिव का जल अभिषेक सभी शिव भक्त कर सके।

साइकिल पर सवार होकर कैसे 12 ज्योत्रिलिंग की यात्रा की

दोस्तों आपने अधिकतर ऐसा तो देखा ही होगा की कुछ शिव भक्त सावन के महीने में अपनी कावड़ में हरिद्वार से जल भरकर अपने कर्तव्य स्थान तक पैदल यात्रा करते है। जिसमे से काफी शिव भक्त आपने वहांनो से इस यात्रा को पूरा करते है। लेकिन वो भी सिर्फ हरिद्वार से जल भरकर अपने एक कर्तव्य स्थान तक जाते है। जिन्हे कावड़िये कहा जाता है लेकिन वही एक ऐसे शिव भक्त भी है जिन्होंने साइकिल चलाकर अपनी इस यात्रा को दिल्ली से शुरू किया था। और करीब 6 महीनो के अंदर भारत में स्थित 12 ज्योत्रिलिंगो के दर्शन किये। हिन्दू धर्म की पौराणिक कथाओं में ऐसा उल्लेख किया गया है की भगवान शिव जहाँ-जहाँ स्वयं प्रकट हुए थे। वह स्थान ज्योतिर्लिंग कहलाये इसीलिए उन 12 स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है।

1. श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shri Kedarnath Jyotirlinga Temple in Hindi)

दिल्ली के रहने वाले कमल गोला एक CA है जिन्होंने 11 नवम्बर 2020 में अपनी इस यात्रा को दिल्ली से ही शुरू की थी। जिसमे सबसे पहले उन्होंने उत्तराखंड में स्थित बाबा केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन किये, जो की उत्तराखंड के चार धामो और 12 ज्योत्रिलिंगो में से एक है उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह मंदिर हिमालय पर्वत की गोद में बसा है। दिल्ली से केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर की दुरी लगभग 452 km की है।

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श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा महाभारत के के युद्ध में विजय प्राप्त कर पांडवो से जुड़ी है। कहानी को पूरा जानने के लिए यहां पर क्लिक करे Shri Kedarnath Jyotirlinga Temple

2. श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shri Kashi Vishwanath Jyotirlinga Temple in Hind)

केदारनाथ धाम के दर्शन करने के बाद वो सीधा उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी शहर में गंगा तट पर स्थित काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए अपनी साइकिल पर रवाना हुए। “विश्वनाथ” का अर्थ होता है “ब्रह्मांड के भगवान” यानि पुरे संसार की सृष्टि को चलाने वाले देवो के देव महादेव भगवान शिव से है। केदारनाथ मंदिर से काशी विश्वनाथ मंदिर की दुरी लगभग 716 km की है।

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा भगवान विष्णु जिन्होंने सृष्टि उत्पन्न करने के लिए भगवान शिव की कठोर तपस्या से जुड़ी है। कहानी को पूरा जानने के लिए यहां पर क्लिक करे Shri Kashi Vishwanath Jyotirlinga Temple

3. श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shri Baidyanath Jyotirlinga Temple in Hind)

काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने के बाद कमल गोला जी अपनी साइकिल पर झारखंड राज्य के देवघर स्थान पर स्थित श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के लिए रवाना हुए। “वैद्यनाथ” का अर्थ होता है “दवा के राजा” यानि किसी प्राणी का उपचार, काशी विश्वनाथ मंदिर से वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर की दुरी लगभग 1675 km की है।

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श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा रामायण के राक्षस राजा रावण से जुड़ी है। कहानी को पूरा जानने के लिए यहां पर क्लिक करे – Shri Baidyanath Jyotirlinga Temple

4. श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर (Mallikarjuna jyotirlinga Temple in Hindi)

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग ज्योत्रिलिंग मंदिर में दर्शन करने के बाद कमल गोला जी अपनी साइकिल पर मलिकार्जुन ज्योत्रिलिंग मंदिर के लिए रवाना हुए उस बिच रस्ते में उन्होंने कलकत्ता में स्थित काली माता मंदिर के दर्शन किये, उसके बाद उड़ीसा में स्थित बाबा जगनाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर के भी दर्शन किये, बाद में वो सीधा आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले के नल्लामल्ला जंगलों के बिच कृष्णा नदी तट के किनारे सैलम पहाडी पर स्थित मलिकार्जुन ज्योत्रिलिंग मंदिर पहुंचे।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा भगवान शिव के दोनों पुत्र श्री गणेश और कार्तिकेय के विवाह से जुड़ी है। पूरी कहानी जानने के लिए यहां पर क्लिक करे Shri Mallikarjuna Jyotirlinga Temple

5. श्री रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर (Sri Rameswaram Jyotirlinga Temple in Hind)

मलिकार्जुन ज्योत्रिलिंग मंदिर के दर्शन करने के बाद कमल गोला जी सीधा तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर के लिए रवाना हुए। भारत के चार धामों स्थित इस मंदिर की बनावट एक सुन्दर शंख आकर द्वीप की तरह दिखती है। चेन्नई से लगभग 420 km दूर स्थित यह मंदिर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी के चारों तरफ से घिरा हुआ है। “रामेश्वरम” का अर्थ होता है “राम और शिव” यानि भगवान श्री रामचंद्र और भगवान शिव से है। जब श्री रामचंद्र अपनी पत्नी सीता को रावण से छुड़ाने के लिए लंका की और जार रहे थे। तब उन्होंने महासागर तट के इस स्थान पर रेत से बनाकर एक ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी। और महायघ कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था। मलिकार्जुन ज्योत्रिलिंग मंदिर से रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर की दुरी लगभग 1022 km की है।

श्री रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा रामायण के राजा भगवान श्री रामचंद्र जी से जुड़ी है। कहानी को पूरा जानने के लिए यहां पर क्लिक करे Sri Rameswaram Jyotirlinga Temple

6. श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shri Bhimashankar Jyotirlinga Temple in Hind)

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन करने के बाद कमल गोला जी ने साइकिल से यात्रा करते हुए ही राम सेतु और कन्याकुमारी के भी दर्शन किये उसके बाद में वो केरल, कर्नाटक और गोवा से होते हुए सीधा महाराष्ट्र के पूना शहर से लगभग 110 km दूर पश्चिमी घाट के सह्याद्रि पर्वत पर स्थित भीमाशंकर ज्योत्रिलिंग मंदिर पहुंचे। मंदिर के पास से ही भीमा नदी बहती है जो की आगे जाकर कृष्णा नदी में मिल जाती है। “भीमाशंकर” का अर्थ “भीम” और “शंकर भगवान” से है। रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर से भीमाशंकर ज्योत्रिलिंग की दुरी लगभग 1562 km की है।

श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा रामायण के राक्षश कुंभकरण के पुत्र भीम से जुड़ी है। कहानी को पूरा जानने के लिए यहां पर क्लिक करे Shri Bhimashankar Jyotirlinga Temple

7. श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Sri Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple in Hind)

भीमाशंकर ज्योत्रिलिंग मंदिर से कमल गोला जी अपने अगले पड़ाव यानी सीधा श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचे। जो की महाराष्ट्र प्रांत के नासिक जिले में पंचवटी से लगभग 18 km दूर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। यहां पर ब्रह्मगिरि के पर्वत से गोदावरी नदी का उद्गम होता है। “त्र्यम्बकेश्वर” का अर्थ होता है “तीन वेद” यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेस अर्थात भगवान शिव को इन तीनों देवों का प्रतीक कहा गया है। इस मंदिर के मुख्य गर्भ ग्रह में एक छोटे से गड्ढे अंदर तीन छोटे-छोटे लिंग विराजमान है | जिन्हे ब्रह्मा, विष्णु और महेश कहा जाता है। भीमाशंकर ज्योत्रिलिंग मंदिर से श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की दुरी लगभग 234 km की है।

श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा एक महर्षि गौतम ऋषि से जुड़ी है। कहानी को पूरा जानने के लिए यहां पर क्लिक करे Sri Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple

8. श्री घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shri grishneshwar Jyotirlinga Temple in Hind)

श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन करने के बाद अब कमल जी अपनी साइकिल पर सवार होकर सीधा घृष्णेश्वर मंदिर पहुंचे जो की महाराष्ट्र में औरंगाबाद के नजदीक दौलताबाद से लगभग 11 km दूर वेरुल गाँव के पास स्थित है। “घृष्णेश्वर” का अर्थ होता है “घुश्मा और शिव” अर्थात घुस्मा नाम की एक ब्राह्मणी ने भगवान शिव की कठोर तपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया था। त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की दुरी लगभग 204 km की है।

श्री घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा भगवान शिव की परम भक्तनि घुश्मा नाम की एक स्त्री से जुड़ी है। कहानी को पूरा जानने के लिए यहां पर क्लिक करेShri grishneshwar Jyotirlinga Temple

9. श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर  (Shri Somnath Jyotirlinga Temple in Hindi)

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन करने के बाद कमल गोला जी गुजरात के वेरावल शहर में पश्चिमी समुद्र तट पर पाटन में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचे। हिन्दू धर्म के ऋग्वेद पुराण में ऐसा उल्लेख किया गया है की सोमनाथ मंदिर की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी। चंद्रदेव की कठोर तपस्या देख भगवान शिव ने उन्हें इसी स्थान पर दर्शन दिए थे तब से चंद्रदेव को सोमनाथ देव भी कहा जाता है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर की दुरी 885 km की है।

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा चंद्रदेव से जुड़ी है। पूरी कहानी जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे Shri Somnath Jyotirlinga Temple

10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shri Nageshwar Jyotirlinga Temple in Hind)

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन करने के बाद कमल गोला जी अपनी साइकिल पर सवार होकर गुजरात के बाहरी क्षेत्र द्वारका पूरी में स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचे। “नागेश्वर” का अर्थ होता है “नागो का ईश्वर” यानि नागो के देवता भगवान शिव के गले में कुंडली मारके बैठे है। कहते है की इस मंदिर में विष से संबंधित सभी रोग दूर हो जाते है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की दुरी लगभग 253 km की है।

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा भगवान शिव का परम भक्त एक सुप्रिय नाम का धर्मात्मा से जुड़ी है। कहानी को पूरा जानने के लिए यहां पर क्लिक करेShri Nageshwar Jyotirlinga Temple

11. श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shri Omkareshwar Jyotirlinga Temple in Hind)

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन करने के बाद कमल गोला जी अपनी साइकिल पर गुजरात से निकलकर मध्य प्रदेश में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की तरफ रवाना हुए जो की मध्यप्रदेश राज्य के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच शिवपुरी द्वीप पर स्थित है। “ओंकारेश्वर” का अर्थ होता है “ॐ का आकर” अर्थात भगवान शिव का ॐ। जिस शिवपुरी द्वीप मंदिर स्थित है वह द्वीप एक हिन्दू पवित्र चिन्ह ॐ के आकार में बना हुआ है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की दुरी लगभग 893 km की है।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा राजा मान्धाता से जुड़ी है। कहानी को पूरा जानने के लिए यहां पर क्लिक करे Shri Omkareshwar Jyotirlinga Temple

12. श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Sri Mahakaleshwar Jyotirlinga in Hind)

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के दर्शन करने के बाद कमल गोला जी अब अपने आखरी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की तरफ साइकिल पर रवाना हुए। जो की मध्यप्रदेश राज्य में उज्जैन नगर के मालवा क्षेत्र में क्षिप्रा नदी के तटपर स्थित है। “महाकालेश्वर” के दो अर्थ होते है पहला अर्थ “समय” और “महा” यानि शिव की महिमा (महानता) और शिव का दूसरा अर्थ “काल” यानि मृत्यु से है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की दुरी लगभग 140 km की है। कमल गोला जी 12 ज्योत्रिलिंग के दर्शन करने के बाद वापस अपने स्थान दिल्ली के लिए रावणा हुए महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से दिल्ली की दुरी लगभग 827 km की है।

श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की पौराणिक कथा राजा चन्द्रसेन और एक गोप-बालक से जुड़ी है। कहानी को पूरा जानने के लिए यहां पर क्लिक करे Sri Mahakaleshwar Jyotirlinga Temple

Note: – दोस्तों अगर आप दिल्ली में रहते है और सावन के अंतिम दिन भगवान् शिव का गंगा जल से अभिषेक करना कहते है तो आप सीधा कमल गोला जी से गंगा जल ले सकते है उनका कहना है की हरिद्वार से जो गंगा जल लेकर वो सीधा राणा प्रताप बाग़ दिल्ली जायेंगे, वो उस जल को सभी शिव भक्तो में वितरण करना चाहते है ताकि सभी शिव भक्त मिलकर भगवान् शिव का जल अभिषेक कर सके।
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Kamal Gola – 9818217289

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और अधिक जानकारी के लिए आप कमल गोला जी 12 ज्योतिर्लिंग साइकिल यात्रा की वीडियो देख सकते है

 

 

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